जयपुर। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने शुक्रवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि भारत सरकार की गाईडलाईन के अनुसार विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों में कच्चा राशन बंद कर शीघ्र ही पक्का राशन देने की प्रकिया शुरु कर दी जाएगी।
श्रीमती भूपेश ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा जनवरी 2021 में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कच्चा राशन बंद कर पक्का राशन देने संबंधी मापदंड का पत्र प्राप्त हुआ था। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के कारण इस पत्र की अनुपालना नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि राजस्थान के साथ अन्य राज्यों में भी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कच्चा राशन ही मिल रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा पक्का राशन देने की प्रकिया का प्रयास किया गया था लेकिन कोरोना के कारण यह नहीं हो पाया।
श्रीमती भूपेश ने इससे पहले विधायक श्री चन्द्रभान सिंह आक्या के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया किविधानसभा क्षेत्र चित्तौडगढ़ में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विभाग द्वारा केन्द्रीयकृत व्यवस्था के तहत तिमाही अप्रेल से जून 2021, जुलाई से सितम्बर 2021, अक्टूबर से दिसम्बर 2021 के दौरान गेंहू तथा चावल कीआपूर्ति भारतीय खाद्य निगम एवं चना दाल का नेफेड के माध्यम से क्रय कर उक्त सामग्री का परिवहन राजस्थान राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों तक कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र पर प्राप्त पोषाहार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा लाभार्थियोंको वितरण किया जाता है।
उन्होंने बताया कि अप्रैल 2020 से विभाग द्वाराकेन्द्रीयकृत व्यवस्था के तहत साबूत खाद्य सामग्री गेंहू, चावल एवं चना दाल की आपूर्ति आंगनबाड़ी केन्द्रों पर की जा रही है। इस व्यवस्था के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर फार्म-4 संधारित किये जाने की आवश्यकता नहीं हैं। इनके स्थान पर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर निर्धारित प्रारूप में संधारित रजिस्टर में सामग्री की प्राप्ति एवं वितरण का इन्द्राज करवाया जा रहा है। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में परियोजनाओं के 0 से 3 वर्ष व 3 से 6 वर्ष तक बच्चे, गर्भवती महिला, धात्री महिला एवं किशोरी बालिका का संख्यावार विवरण सदन के पटल पर रखा।
श्रीमती भूपेश ने बताया कि विभाग द्वारा अप्रेल 2020 से आंगनबाड़ी केन्द्रों से मांग पत्र नहीं लिया गया है। इसके स्थान पर विभाग द्वारा राजपोषण सॉफ्टवेयर पर दर्ज लाभार्थियों की संख्या के आधार पर भारतसरकार द्वारा निर्धारित पोषणीय मापदंडों के अनुसार लाभार्थियों के लिए खाद्यान्न सामग्री का आवंटन किया जाता है।