जोधपुर। महिला सशक्तिकरण के माध्यम से महिलाओं को बहुआयामी विकास के अवसरों से जोड़ने और घर-परिवार की खुशहाली में भागीदार बनाने के लिए हर स्तर पर विशेष प्रयास जारी हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उनकी तरक्की को सुनिश्चित करने के लिए सरकारी और अर्ध सरकारी संस्थाओं, उपक्रमों आदि की ओर से विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का सूत्रपात किया जा रहा है। जोधपुर जिले में ये प्रयास महिलाओं के विकास और उनके सशक्तिकरण को खासा सम्बल प्रदान कर रहे हैं।
इसी तरह का बहुआयामी प्रयास किया है काजरी ने। काजरी की बदौलत महिलाओं में आत्मनिर्भरता का विस्तार होने लगा है और घर-परिवार की खुशहाली में वे अपनी सहभागिता निभाने में आगे आ रही हैं। इसके कारण महिलाओं में अपनी सेहत के प्रति जागरुकता बढ़ी है और शिक्षा-दीक्षा एवं आर्थिक उन्नति के बारे में जागरुकता का व्यापक विस्तार हुआ है।
आम महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रदान करने की दृष्टि से काजरी ने खाद्य प्रसंस्करण से जोड़ने की पहल करते हुए बहुद्देश्यीय नवाचार का क्रियान्वयन किया है। घर की रसोई से लेकर हर तरह के खान-पान और गृह संचालन में दक्षता रखने वाली महिलाओं में खाद्य प्रसंस्करण के प्रति रुचि बढ़ी है और इसे आय के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा है। महिलाओं की इसी परम्परागत प्रवृत्ति और हुनर को देखते हुए काजरी इस योजना का सूत्रपात करते हुए आशातीत सफलता हासिल करने की ओर अग्रसर है। इससे जुड़ी महिलाओं के परिवार वालों और परिचितों को भी हुनर सीखने के साथ ही पौष्टिकता भरे पोषण का भी लाभ प्राप्त हो रहा है।
महिलाओं की आय को दोगुनी करने के उद्देश्य से काजरी ने गत वर्ष खाद्य प्रसंस्करण परियोजना की शुरूआत की थी।
डीएसटी द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना के अन्तर्गत जोधपुर जिले के ग्राम्यांचलों में 10 खाद्य प्रसंस्करण स्टार्ट अप खोले जा रहे हैं। इनके संचालन से ग्राम्य महिलाएं अपने फुरसत के समय का सदुपयोग आय उपार्जन के लिए करने में मदद पा सकेंगी। इन स्टार्ट अप्स को व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए संसाधनों एवं प्रशिक्षण की जरूरतों को पूरा करने में काजरी पूरी मदद कर रहा है। काजरी संस्थान द्वारा 10-10 महिलाओं का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित करने के साथ ही स्टार्टअप किट भी मुहैया कराया गया।
रोजमर्रा के घरेलू कार्यों में परम्परागत रूप से जुड़ी रहने के कारण ये ग्राम्य महिलाएं खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित प्रशिक्षणों में सिखाए हुए कार्यों को आसानी से कर पाने में दक्षता हासिल कर लेती हैं। काजरी की ओर से आयोजित खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षणों के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं।
चयनित ग्राम्य महिलाओं के लिए आयोजित इन प्रशिक्षणों में मुख्य रूप से शुष्क क्षेत्रों में पाए जाने वाले कुछ फलों जैसे काचरा, आँवला, नीबू, टमाटर आदि तथा अनाज जैसे बाजरा, दाल, तिल आदि के करीब 12 विभिन्न प्रकार के उत्पादों को बनाने, इनकी पैकिंग करने तथा विपणन से संबंधित गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जाता रहा हैै।
इनके साथ ही महिलाओं को परिवार तथा बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखने में लिए पौष्टिक थाली व दूध तथा दूध से बने उत्पादों के बारे में भी कौशल प्रशिक्षण से लाभान्वित किया जाता रहा है। प्रशिक्षण के दौरान यह लक्ष्य सामने रखकर कौशल विकास किया जा रहा है कि इससे महिला स्वयं गृह उद्योग के रूप में अपनी स्टार्टअप वाटिका का संचालन करने में सक्षम हो जाए।
काजरी ने इन गतिविधियों के माध्यम से महिलाओं को हर दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने तथा सामुदायिक उत्थान के लिए हरसंभव सहयोग का बीड़ा उठाया है। भविष्य के लिए कच्चे सामान की जरूरत को ध्यान में रखते हुए फल व सब्जियों के गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए तकनीक एकीकरण के अन्तर्गत फलों के वृक्ष, प्रसंस्करण के लिए वर्षा जल के संचयन, गृह वाटिका की स्थापना, सोलर ड्रायर व कुकर की एकीकृत इकाई की स्थापना का भी प्रावधान रखा गया है।
खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण शिविर में परियोजना की प्रधान अन्वेषक(तकनीक हस्तान्तरण एवं प्रशिक्षण विभाग) डॉ. प्रतिभा तिवारी के अनुसार प्रशिक्षण के प्रति ग्रामीण महिलाओं में खासे उत्साह के साथ ही सीखने और कुछ करने की ललक देखी गई है। प्रशिक्षण में डॉ. आर.के. गोयल ने वर्षा जल संचयन के लिए टांके की डिजाईन और डॉ. सुरेन्द्र पुनिया ने सोलर उपकरणों की डिजाईन इन कृषक परिवारों के साथ साझा की। डॉ. पूनम कलश एवं डॉ. सविता सिंघल ने खाद्य प्रसंस्करण के प्रशिक्षण एवं स्टार्टअप के लिए जरूरी किट के बारे में और श्रीमती प्रेमलता व्यास ने स्वयं सहायता समूह के लिए आवश्यक लेखन सामग्री व समूह संचालन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
महिलाओं में आत्मनिर्भरता के लिए खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित गतिविधियों में ग्राम्य महिलाओं की रुचि और उत्साह को देखते हुए निदेशक डॉ. ओ.पी. यादव कहते हैं कि खाद्य प्रसंस्करण स्टार्टअप का इस तरह का बहुद्देश्यीय एवं अनूठा नवाचार मरुधरा में पहली बार आशातीत सफल होने जा रहा है।
प्रशिक्षण में हिस्सा लेने वाली ग्रामीण महिलाओं के अनुसार ये प्रशिक्षण उनकी जिन्दगी बदलने वाले सिद्ध हुए हैं। प्रशिक्षण पाने वाली कुन्नी देवी, नैनू देवी, रोशनी देवी, सुमित्रा देवी, मीरा देवी, संगीता, गुड्डी देवी, राधा देवी, मंजु देवी, गवरी देवी आदि ग्राम्य महिलाएं इसके लिए काजरी का आभार जताते हुए कहती हैं कि नए-नए हुनर और तकनीक को सीख कर अब वे खुद भी आत्मनिर्भर बनेंगी और दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाएंगी।
डॉ. दीपक आचार्य
उप निदेशक(सूचना एवं जनसम्पर्क)
जोधपुर