सिरोही/जयपुर। गहलोत सरकार द्वारा राजस्थान में मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का 9 सितंबर 2022 से शुभारंभ किया जा रहा हैं।
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इसमें भी प्रत्येक शहरी परिवार को मनरेगा की तरह ही प्रतिवर्ष गारंटीशुदा 100 दिन का रोजगार प्राप्त होगा। राजस्थान सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु बाकायदा इसके लिए करीब 800 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान भी कर दिया हैं। इस योजना के तहत प्रत्येक जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष तक की आयु के सदस्य इसमें पात्र हैं। इस योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से होगा। सरकार के अनुसार कोविड़-19 महामारी के दौरान कई परिवारों का रोजगार छीन गया था एवं वे लोग असहाय और कमजोर हो गए हैं। इस योजना से उन्हें बड़ा सम्बल प्राप्त होगा। निःसंदेह इस योजना से कई शहरी परिवारों को आर्थिक सम्बल प्राप्त होगा। इस योजना के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सेनिटेशन, हैरिटेज संरक्षण सहित कई कार्य करवाएं जाएंगे।
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कुलमिलाकर लब्बोलुआब यह है कि इस योजना से शहरी बेरोजगार व्यक्तियों को गारंटीशुदा 100 दिन का रोजगार तो मिलेगा वही उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार भी होगा।लेकिन साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस योजना से शहरी क्षेत्र में कांग्रेस का वोट बैंक भी मजबूत होगा। यूं कहें तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यह इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना राजस्थान में कांग्रेस एवं अशोक गहलोत सरकार के लिए ट्रम्प कार्ड साबित हो सकती हैं!