पादर। कोली समाज जागरूकता मंच के बैनर तले होली स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन रामदेव मंदिर पादर में किया गया जिसमें संत नागपुरी जी महाराज पादर एवं जगत भारती जी महाराज बामनवाड़ा का सानिध्य रहा। इस मौके पर विभिन्न गांवों से आए हुए समाज बंधुओं को पक्षियों के पानी पीने हेतु परिंडो का वितरण किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संत नागपुरी ने कहा की कण-कण में भगवान है जीवो के प्रति दया रखना मानव का प्रथम धर्म है तभी हम मानव कहलाने के अधिकारी हैं। लक्ष्मण राम हड़मतिया ने कहा कि समाज को निजी व्यवसाय के प्रति सकारात्मक कदम बढ़ाने होंगे तभी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। रणजीत कोली ने कहा की सभी को संगठित होकर समाज में व्याप्त कुरीतियों से लड़ना पड़ेगा तभी समाज की प्रगति संभव है। इस मौके पर अजमल राम वाडका, शांतिलाल सेरवा, गणेश राम थल, जस्सा राम भीलड़ा ने भी विभिन्न विषयों पर संबोधन दिया। कार्यक्रम में मंच संचालन भाना राम होलागरा ने किया। इस मौके पर प्रबंध कार्यकारिणी समिति सदस्य दिनेश कुमार मंडार, रमेश लुणोल, शांति लाल सेरवा, अमराराम, कालूराम बामनवाड़ा, थानाराम बडेची, गंगाराम वासन, गणेशराम, बंसल, शंकरलाल थल, राजेंद्र कुमार, नारायण लाल दौलपुरा, हकमा राम, भंवराराम, जेठाराम, वीरचंद भीलड़ा, सरवन, राहुल मंडार, प्रकाश दशरथ रेवदर आदि कोली समाज के बंधु उपस्थित रहे।
कोली समाज जागरूकता मंच के बैनर तले होली स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन रामदेव मंदिर पादर में किया गया जिसमें संत नागपुरी जी महाराज पादर एवं जगत भारती जी महाराज बामनवाड़ा का सानिध्य रहा। इस मौके पर विभिन्न गांवों से आए हुए समाज बंधुओं को पक्षियों के पानी पीने हेतु परिंडो का वितरण किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संत नागपुरी ने कहा की कण-कण में भगवान है जीवो के प्रति दया रखना मानव का प्रथम धर्म है तभी हम मानव कहलाने के अधिकारी हैं। लक्ष्मण राम हड़मतिया ने कहा कि समाज को निजी व्यवसाय के प्रति सकारात्मक कदम बढ़ाने होंगे तभी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। रणजीत कोली ने कहा की सभी को संगठित होकर समाज में व्याप्त कुरीतियों से लड़ना पड़ेगा तभी समाज की प्रगति संभव है। इस मौके पर अजमल राम वाडका,शांतिलाल सेरवा, गणेश राम थल,जस्सा राम भीलड़ा ने भी विभिन्न विषयों पर संबोधन दिया। कार्यक्रम में मंच संचालन भाना राम होलागरा ने किया। इस मौके पर प्रबंध कार्यकारिणी समिति सदस्य दिनेश कुमार मंडार, रमेश लुणोल, शांति लाल सेरवा, अमराराम, कालूराम बामनवाड़ा, थानाराम बडेची, गंगाराम वासन, गणेशराम, बंसल,शंकरलाल थल, राजेंद्र कुमार, नारायण लाल दौलपुरा, हकमा राम, भंवराराम, जेठाराम, वीरचंद भीलड़ा, सरवन, राहुल मंडार, प्रकाश दशरथ रेवदर आदि कोली समाज के बंधु उपस्थित रहे।