जयपुर। बीसूका गरीबी हटाने, कमजोर तबके के आर्थिक उत्थान व इनके आर्थिक शोषण को रोकने का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। बीस सुत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष डॉ.चन्द्रभान ने सोमवार को यहाँ शासन सचिवाल में औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण किया।
डॉ.चन्द्रभान ने कहा कि बीसूका गरीबी हटाने, कमजोर तबके के आर्थिक उत्थान व इनके आर्थिक शोषण को रोकने का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन पूरी जिम्मेदारी व ईमानदारी के साथ प्रभावशाली तरीके से राजस्थान में लागू करने के प्रयास किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि बीसूका की शुरूआत प्रदेश में 1975 में हुई थी जिसके बाद कई बार इसमें संशोधन व पुनर्गठन हो चुका है। वर्तमान में बीसूका में वर्ष 2006 का संशोधन प्रभावी है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि कार्यक्रम के सभी 20 बिंदुओं पर सघन रूप से कार्य हो। उन्होंने कहा कि पहले राजस्थान बीसूका की रैंकिंग में देशभर में प्रथम रहा है, हमारा प्रयास इसे पुनः प्रथम बनाने का रहेगा। हम केन्द्र सरकार से भी बात करेंगे की वे कार्यक्रम के अंतर्गत राज्यों को अधिक से अधिक बजट का आवंटन करें।
डॉ. चन्द्रभान ने कहा कि बीसूका को जमीनीं स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सतत् व सघन निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला व राज्य स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा, जिससे कि कार्यक्रम का समयबद्ध रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित हाें सके। इसके लिए मै स्वयं जिलों के दौरे पर रहूंगा। पदभार ग्रहण करने से पूर्व डॉ.चन्द्रभान ने शासन सचिवालय स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
कार्यभार ग्रहण करने के दौरान डॉ. चन्द्रभान के साथ बीस सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. करण सिंह यादव ,राज्यसभा सांसद नीरज डांगी, अध्यक्ष जनअभाव अभियोग निराकरण समिति , पुखराज पाराशर सहित आयोजना विभाग के सचिव नवीन जैन एवं डॉ.ईश मुंजाल तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।