जयपुर। विधानसभा में कहा कि खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत केंद्र सरकार द्वारा योजना की शर्तों के अनुसार लाभार्थियों की संख्या शहरी क्षेत्र में 53 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 69.9 प्रतिशत निर्धारित की गई है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत केंद्र सरकार द्वारा योजना की शर्तों के अनुसार लाभार्थियों की संख्या शहरी क्षेत्र में 53 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 69.9 प्रतिशत निर्धारित की गई है।
खाचरियावास ने प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि 1 जनवरी 2020 को राज्य में कुल लाभार्थियों की संख्या करीब 4.94 करोड़ थी जो मई माह में बढ़कर 5 करोड़ से अधिक हो गई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के आदेशानुसार यह संख्या राज्य में निर्धारित सीलिंग 4.46 करोड़ से अधिक हो गई थी। साथ ही, वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत आधार कार्ड को राशन कार्ड से जोड़ने के कारण स्वतः ही कुछ नाम इस योजना से बाहर हो गए। इसमें सरकारी कर्मचारियों के अतिरिक्त वे लोग भी शामिल थे जिनके नाम अन्य कहीं ओर भी राशन कार्ड में जुड़े हुए थे।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में जब केंद्र सरकार की टीम जयपुर आई तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में टीम के सदस्यों ने योजना में फिर से नाम जोड़ने की अनुमति देने की बात कही थी। हालांकि टीम जब दिल्ली चली गई तो उन्होंने नाम जोड़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है और केंद्र से योजना में नाम जोड़ने की अनुमति मिलते ही नाम जोड़ने की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी।
इससे पहले खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने विधायक कालीचरण सराफ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत 23 फरवरी, 2022 तक शहरी क्षेत्र में 35.36 प्रतिशत एवं ग्रामीण क्षेत्र में 72.68 प्रतिशत लाभार्थी चयनित है। लाभार्थियों की संख्या शहरी क्षेत्र में 60 लाख 28 हजार 17 एवं ग्रामीण क्षेत्र 3 करोड़ 74 लाख 32 हजार 670 है। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त कर रहे राजकीय कार्मिकों के नामों को हटाकर उनसे वसूली की कार्यवाही करने हेतु विभाग द्वारा 24 फरवरी, 2020 को आदेश जारी कर वसूली की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत फरवरी, 2020 से 1 जनवरी 2021 तक अपात्र सरकारी कार्मिकों के 3 लाख 22 हजार 178 परिवार सदस्यों के नाम हटे हैं। प्रदेश में इस अवधि में नये पात्र व्यक्तियों के 7 लाख 47 हजार 546 नाम जोडे गये हैं।
उन्होंने सदन को बताया कि भारत सरकार द्वारा प्रदेश की वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत 4.46 करोड लाभार्थियों को चयनित किये जाने की सीलिंग निर्धारित की गई थी। उन्होंने बतायाकि भारत सरकार द्वारा कवरेज में कोई भी संशोधन अगली जनगणना के अनुमान आंकडे प्रकाशित होने के बाद संभव होने के कारण वर्तमान में 18 मई 2020 से खाद्य सुरक्षा योजना में नाम नहीं जोडे जा रहे है।
खाद्य मंत्री ने बताया कि भारत सरकार को राजस्थान में वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर सीलिंग पुनः निर्धारित करने हेतु मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को 9 दिसम्बर 2019, 22 अप्रैल 2020, 25 अगस्त 2020, 20 जुलाई 2021 एवं 29 दिसम्बर 2021 से अशासकीय पत्र लिखे गये है।