सिरोही। भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष व जिला परिषद् सदस्य लुम्बाराम चौधरी ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत से दिल्ली में मुलाकात कर जन्मदिन की बधाई दी। साथ ही ज्ञापन प्रेषित कर बताया कि सिरोही जिले में पानी की भयंकर समस्या है। जिसकों दूर करने के लिए माही व बत्तीसा नाला बांध का पानी जल्द से जल्द सिरोही जिले को मिले इसके लिए निर्माण में जो समस्या आ रही है उसे जल्द से जल्द दूर करने की मांग की।
चौधरी ने बताया कि सूखा प्रभावित एवं पानी की भयंकर समस्या से हमेशा से ग्रसित सिरोही क्षेत्र के लिए कडाणा बांध पर गुजरात-सरकार द्वारा निर्मित सुजलाम सुफलाम नहर से पूर्व में संपन्न समझौते के तहत अपने हक का पानी (माही जल) पेयजल एवं सिंचाई हेतु उलब्लध करवाने की मांग की। राजस्थान व गुजरात सरकार के बीच माही जल बंटवारा समझौता की पालना करवाने का आग्रह किया। माही जल प्रबंध एवं वितरण व्यवस्था हेतु भारत-सरकार द्वारा खोसला, कमेटी गठित की गई, जिसकी रिपोर्ट भारत-सरकार को सौपी थी। तत्पश्चात माही नदी जल बंटवारा एग्रीमेंट राजस्थान व गुजरात सरकार के बीच हुआ, जिसमें दो बांध बांसवाडा में माही बांध तथा गुजरात बोर्डर पर गुजरात में कडाणा बांध बाबत् इस शर्त पर निर्माण की सहमति बनी थी कि भविष्य में कडाणा से गुजरात में माही क्षेत्र (खेडा) जिला में जब नर्मदा आ जायेगी तब कडाणा बांध का एक भाग (केचमेन्ट ऐरिया अनुसार 2/3 हिस्सा) राजस्थान को दिया जाएगा। जो प्रस्तावित हाईलेवल कैनाल से पानी की भयंकर कमी वाले क्षेत्र सिरोही को उपलब्ध होगा। उन्होनें बताया कि कडाणा बांध का निर्माण तथा माही नदी के पानी के उपयोग हेतु एग्रीमेन्ट राजस्थान व गुजरात सरकार के बीच हुआ था।
चौधरी ने बताया कि वर्ष 2005 में गुजरात के माही कमांड में नर्मदा का पानी पहुंच गया तब गुजरात सरकार ने माही पानी का अन्य उपयोग में लेने हेतु अलग से सुजलाम सुफलाम नहर उत्तरी गुजरात हेतु 337 कि.मी. लम्बी नहर बनाई तथा इसमें माही नदी का पानी सप्लाई कर गुजरात अपना क्षेत्र सिंचित करने लगा जो समझौते के विपरीत है तथा इस हेतु तत्कालीन मुख्यमंत्री महोदय द्वारा तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री महोदय को तथा केन्द्रीय मंत्री महोदय को पत्र लिखकर ऐतराज जताया था, जिसका जवाब केन्द्रीय मंत्री महोदय ने प्रेषित किया कि गुजरात सरकार ने अवगत करवाया है कि उसने 1966 के समझौते की पालना हेतु एक हाईलेवल कमेटी दोनो राज्यों के तकनीकी एक्सपर्ट से निस्तारण करने हेतु तय की है, जिसकी पालना आज दिन तक नही की गई है।
चौधरी ने बताया कि बत्तीसा नाला बांध का कार्य चालू हुए करीब तीन वर्ष पूरे होने आ रहे है मगर बांध के अंदर आने वाले रोड से करीब आठ ग्राम पंचायतों के लोग गुजर रहे है बांध के ठेकेदार ने रोड के दोनो तरफ नींव खोद रखी है बाईपास का कार्य पूरा नही होने से बांध का कार्य बंद पडा हुआ है व तीन वर्ष में बांध का कार्य मात्र 20 प्रतिशत हुआ है जो कि तीन वर्ष में कार्य पूरा करना था एक वर्ष पूर्व जब मैंने निरक्षण किया था तब बांध के ठेेकेदार ने बताया था कि रोड नही बनने की वजह से कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है इस समस्या से मैंने श्रीमानजी व विभाग को अवगत करवाया था जिस पर पीडब्लूडी ने एक माह में कार्य पूरा करने का आश्वासन मुझे दिया था मगर एक वर्ष बीतने के बाद भी बाईपास रोड का कार्य पूरा नही किया गया। इसी कारण से बांध का कार्य रूका हुआ है। ठेकेदार की सारी मशीनरी मौके पर पडी हुई है जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा बत्तीसा नाला बांध की स्वीकृति होने पर वर्तमान सरकार द्वारा इस कार्य में जानबूझ कर ढलाई बरती जा रही है। जो सिरोही की जनता के साथ अन्याय है। बांध के ओवर फ्लो का पानी बह कर गुजरात में जा रहा है उसे रोक कर सिरोही के बांधों में डाला जा सके। जिससे सिरोही का जल स्तर बढ सका।
ज्ञापन लेकर जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने पेयजल व सिंचाई के लिए पानी की भयंकर समस्या को गम्भीरता से लिया और उच्च अधिकारीयों से वार्ताकर भरोसा दिलाया कि सिरोही जिले में पानी समस्या को लेकर जो मांग कि है उस पर जल्द से जल्द कार्य किया जाएगा।