मण्डार/सिरोही। आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार सिरोही जिले में मात्र 14 निजी अस्पताल ही चिकित्सा विभाग से पंजीकृत हैं।
तो सबसें बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आखिर बाकी जो अस्पताल के नाम पर चल रहे है और आमजन का इलाज कर रहे है उसका क्या है आधार? बिना पंजीकरण के आखिरी कैसे चल रहे है ये संस्थान? आखिर जिला प्रशासन क्यों बैठा हुआ है आँखे बंद करके? क्या आमजन के स्वास्थ्य की नहीं है कोई फिक्र! राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार द्वारा बहुत ही बढ़िया योजना स्वास्थ्य क्षेत्र में लाई गई हैं। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना जिसमें प्रत्येक परिवार हेतु 10 लाख रुपये उसके स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु खर्च किएं जाते हैं। लेकिन जब अवैध, फर्जी अस्पताल जिले में चलते रहेंगे तो सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना को भी पलीता लग जायेगा।
क्या जिला प्रशासन में बैठे जिम्मेदार उठाएंगे कोई कदम?