रेवदर। तीन हाई रिस्क डिलीवरी केसो की नॉर्मल डिलीवरी करवाकर डॉक्टर एसएस भाटी ने दिया मानवता का परिचय।
एक केस में पूर्व में बालोतरा के एक निजी अस्पताल में हुई थी सिजेरियन ऑपरेशन से डिलीवरी। इस बार रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल में डॉक्टर एस एस भाटी ने बिना चीरा बिना टांका के करवाई नॉर्मल डिलीवरी।
श्रीमती खेतुदेवी पत्नी सुमेराराम मेघवाल निवासी पटौदी (बालोतरा) के पूर्व में बालोतरा के एक निजी अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी। इस बार भी बालोतरा में सिजेरियन ऑपरेशन ही डिलीवरी का एकमात्र रास्ता बताया मगर परिजन ऑपरेशन नहीं करवाना चाहते थे। अतः अपने रिश्तेदार के कहने पर नॉर्मल डिलीवरी की चाह में 200 किलोमीटर की दूरी तय कर रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल पहुंचकर नॉर्मल डिलीवरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर एस एस भाटी से मिले। जहाँ डॉक्टर एस एस भाटी ने परिजनों को नॉर्मल डिलीवरी करवाने का पूरा विश्वास दिलाया और मात्र कुछ ही समय में बिना चीरा बिना टांका के नॉर्मल डिलीवरी करवा कर परिजनों को राहत प्रदान की।
वही दूसरे केस में गर्भवती महिला को आहोर और जालौर में बोला सिजेरियन ऑपरेशन का इस पर परिजन पहुंचे रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल। जहां डॉक्टर एस एस भाटी ने करवाई नॉर्मल डिलीवरी।
श्रीमती निकाकंवर पत्नी अमर सिंह राजपूत निवासी चांदना (आहोर) को डिलीवरी का दर्द होने पर परिजन आहोर के एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां गर्भवती महिला की हाइट कम होने तथा पेल्विक हड्डियों में कम जगह होने की वजह से वहां के डॉक्टर ने सिजेरियन ऑपरेशन की सलाह दी। मगर परिजन ऑपरेशन नहीं करवाना चाहते थे अतः वहां से छुट्टी लेकर जालौर पहुंचे वहां भी उन्हें यही बात बोलकर सिजेरियन ऑपरेशन का बोला। अंततः परिजन गर्भवती महिला को लेकर रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल पहुंचकर नॉर्मल डिलीवरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर एस एस भाटी से मिले। जहाँ डॉक्टर एस एस भाटी ने परिजनों को नॉर्मल डिलीवरी करवाने का पूरा आश्वासन दिया और मात्र कुछ ही समय में सुरक्षित नॉर्मल डिलीवरी करवा कर परिजनों को राहत प्रदान की। जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित देख परिजनों ने डॉक्टर एस एस भाटी का तहे दिल से आभार व्यक्त किया।
तीसरे केस में इसी तरह एक गर्भवती महिला को भीनमाल के सबसे बड़े अस्पताल में बोला सिजेरियन ऑपरेशन का। इस पर परिजन पहुंचे रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल जहां डॉक्टर एस एस भाटी ने करवाई नॉर्मल डिलीवरी।
श्रीमती मंजूकुमारी पत्नी सुरेश कुमार लोहार निवासी भादरडा (भीनमाल) के जब दो महीने थे उस समय भीनमाल के सबसे बड़े अस्पताल में बोला कि बच्चा गर्भ में नहीं अपितु नस(इकटोपिक प्रेगनेंसी) में है जिसकी वजह से तुरंत ऑपरेशन करना अनिवार्य है। किंतु परिजनो की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वहां से छुट्टी लेकर रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल पहुंचकर नॉर्मल डिलीवरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर एस एस भाटी से मिले। जहां सोनोलॉजिस्ट को जांच के दौरान पता लगा कि बच्चा गर्भ में ही है नस में नहीं है इसके बाद पूरे 9 महीने रेवदर से ही इलाज शुरू रखा। अंत में डिलीवरी का दर्द होने पर परिजन स्थानीय भीनमाल के एक अस्पताल में ले गए जहां 12 घंटे तक भर्ती रखने के बाद सिजेरियन ऑपरेशन का बोला परिजन ऑपरेशन नहीं करवाना चाहते थे। अतः नॉर्मल डिलीवरी की आस लिए रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल पहुंचकर डॉक्टर एस एस भाटी से मिले। जहाँ डॉक्टर एस एस भाटी ने परिजनों को नॉर्मल डिलीवरी करवाने का पूरा विश्वास दिलाया और कुछ ही समय में सुरक्षित नॉर्मल डिलीवरी करवाकर परिजनों को राहत प्रदान की।