जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वर्ष 2022-23 के राज्य बजट में 1 जनवरी 2004 एवं इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा का प्रदेश भर के कर्मचारियों द्वारा अभूतपूर्व स्वागत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री निवास पर शनिवार को आए विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मालाएं और साफा पहनाकर गहलोत का अभिनन्दन किया और उनका भविष्य सुरक्षित करने के इस ऎतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री की इस बजट घोषणा से कर्मचारी उत्साहित नजर आए और खुशी उनके चेहरे से झलक रही थी।
प्रदेश भर से आए कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि 1 जनवरी 2004 एवं उसके बाद नियुक्त कार्मिकों की व्यथा को पहली बार गहलोत सरकार ने समझा और एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा कर लाखों कर्मचारियों एवं उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित किया। राजस्थान से इस दिशा में अभूतपूर्व पहल हुई है। इसका सकारात्मक संदेश पूरे देश भर में गया है। मुख्यमंत्री के इस फैसले से पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में एक नए उत्साह का संचार हुआ है क्योंकि एनपीएस लागू होने के बाद से ही उनमें भविष्य के प्रति काफी चिंता व्याप्त थी।
कर्मचारी संगठनों ने बजट में निगम, बोर्ड, उपक्रम, स्वायत्तशाषी संस्थाओं एवं विश्वविद्यालयों के वंचित कार्मिकों को सातवें वेतनमान का लाभ देने, वर्ष 2017 के आदेश के कारण उत्पन्न हुई एसीपी संबंधी विसंगति दूर करने, पदोन्नति के लिए कैडर पुनर्गठन एवं पदों की संख्या बढ़ाने जैसी अन्य घोषणाओं का भी जमकर स्वागत किया।
संस्कृत महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने संघ की अध्यक्ष प्रो. शालिनी सक्सेना के नेतृत्व में वैदिक स्वस्ति वाचन के साथ माला पहनाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। संस्कृत महाविद्यालय शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने एवं उन्हें यूजीसी पे बैण्ड-4 का लाभ देने के लिए संघ ने गहलोत का आभार जताया।
पैरालिम्पिक खिलाड़ी सुन्दर सिंह गुर्जर, पूर्व प्राथमिक शिक्षक संघ (एनटीटी) के प्रतिनिधिमंडल, प्रांतीय विद्युत मंडल मजदूर फैड़रेशन, अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ (अरस्तू), पुस्तकालय संघ राजस्थान, पशु चिकित्सा संघ, नरेगा कार्मिक संघ सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों-कर्मचारियों एवं अन्य प्रतिनिधिमंडलों ने मुख्यमंत्री का मालाएं पहनाकर स्वागत एवं अभिनंदन किया।
विप्र महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने विप्र बोर्ड के गठन के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।