जालोर। कमजोर मानसून के चलते इस वर्ष जिले में पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति में राज्य सरकार व जिला प्रशासन जिले में उपलब्ध पेयजल संसाधनों के पूर्ण उपयोग द्वारा आमजन को राहत पहुँचाने के लिए संकल्पबद्ध है। संभागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर पेयजल संकट से निपटने के लिए किये जा रहे इंतजामों की समीक्षा की।
जिले में नर्मदा नहर परियोजना से हो रही पेयजल आपूर्ति सहित स्थानीय स्तर पर चिन्हित नवीन पेयजल स्त्रोतों-कुँए, ट्यूबवैल, हैण्डपम्प इत्यादि द्वारा पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही पशुधन के लिए आवश्यक चारे-पानी की व्यवस्थाएँ भी पूर्ण करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि जरूर पड़ने पर टैंकरों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कंटीजेन्सी प्लान बनाकर आमजन को पेयजल सुविधा मुहैया करवाई जावें।
जल जीवन मिशन के तहत प्रगति रिपोर्ट की जानकारी लेते हुए संभागीय आयुक्त ने जिले में फ्लोराईड समस्या, कुँओं के पेयजल की गुणवत्ता एवं टीडीएस आंकड़ों पर जानकारी प्राप्त कर पीएचईडी विभाग को नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। संभागीय आयुक्त ने जिले में आगामी माहों में पेयजल आपूर्ति के समग्र प्लान पर चर्चा करते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों से पूरी तैयारी के साथ पेयजल मांग को पूर्ण करने में जुट जाने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने जिले में जल जीवन मिशन के तहत संचालित कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से आमजन को राहत पहुँचाने की बात कही।
इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार वासु, पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता ताराचंद कुलदीप, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता हुकमचंद बैरवा, जल संसाधन विभाग के अब्दुल बाकी, सीएमएचओ डॉ. जी.एस.देवल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।