मण्डार। आराधना भवन में आकर करें मन की शांति की प्राप्ति। कस्बें के टोल प्लाजा के पास स्थित रीको कॉलोनी के पास आज बृह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मण्डार स्थित राजयोग केंद्र के नवीन भवन, आराधना भवन का आज शुभारंभ किया गया।
आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम में राजयोगिनी बृह्माकुमारी गीता दीदी, राजयोगी बृह्माकुमार मृत्युंजय भाई, महंत कैलाशगिरीजी महाराज(कुसमा, श्री रामचन्द्रजी,मंदिर), महेशनाथ जी महाराज, श्री रामदेवजी मंदिर, कुसमा, बृह्माकुमार भूपाल भाई, डॉ प्रताप मिड्ढा, विधायक जगसीराम कोली, सरपंच परबत सिंह देवड़ा, महावीर सिंह देवड़ा, उपसरपंच देवी सिंह, बीके कोमल भाई, बीके गीता बहन आदि का शुभ आतिथ्य रहा।
अपने संबोधन में राजयोगिनी बृह्माकुमारी गीता दीदी एवं राजयोगी बृह्माकुमार मृत्युंजय भाई ने बताया कि वर्तमान समय घोर कलयुग का चल रहा है आज विश्व में चारों तरफ अशांति एवं नफरत फैल रही हैं। इन सबका एक ही समाधान है वह है मानव का मानव के प्रति प्रेम भाव एवं शांति।
राजस्थान की इस देव भूमि से बृह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय संस्थान पूरे विश्व में प्रेम एवं शांति का संदेश दे रही हैं।
इसी क्रम में मण्डार सरपंच परबत सिंह ने बहुत ही उम्दा तरीके से बताया कि प्रेम एवं शांति से ही विश्व का कल्याण हो सकता हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि आराधना भवन में आकर व्यक्ति मन की शांति की प्राप्ति कर सकता हैं।
उन्होंने बताया कि वह मानव कल्याण के लिए काम कर रही संस्थान को हर संभव सहयोग करेंगे।
कार्यक्रम में आए विधायक जगसीराम कोली ने भी हर संभव सहयोग का भरोसा दिया। कार्यक्रम में सभी अतिथियों,सहयोगकर्ताओं एवं पत्रकारों का फूल माला, साफ़ा, शॉल आदि से स्वागत किया गया।
मण्डार में आराधना भवन को बनाने एवं क्षेत्र में मानव कल्याण के लिए कार्य कर रही बीके शैल बहन का माला, साफ़ा एवं चुनरी ओढ़ाकर स्वागत किया गया।
वही बीके गीता बहन का भी माला, शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। साथ ही बीके गीता बहन, बीके शैल बहन एवं बीके गुंजन बहन का बीके मृत्यंजय भाई ने मोमेंटो देकर भी स्वागत किया।
कार्यक्रम में दीपक प्रज्ज्वलित कर एवं केक काटकर आराधना भवन का शुभारंभ किया गया।
आयोजित कार्यक्रम में बीके सुप्रिया बहन द्वारा बेहतरीन मंच संचालन किया गया।
वही कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता ग़लबा राम माली, मफतलाल बुनकर, इब्राहिम भाई, मोहम्मद भाई, शैतान सिंह, गुलाब सिंह, गिरधर सिंह, नरेंद्र सिंह, रणछोड़ भाई, अमराराम मेघवाल, भलाराम चौधरी, देवाराम देवासी, रावताराम, वालजी भाई सुथार, लवजीराम बुनकर, महेंद्र खंडेलवाल, सुरेश प्रजापत, विक्रम रावल सहित सैकड़ों ईश्वरीय भक्त एवं शांति प्रेमी मौजूद थे।