सिरोही। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष अभिमन्यु सिंह राठौड व सदस्या उज्जवल सांखला ने भारतीय उत्तर पश्चिम रेलवे कोे 45 दिवस के भीतर 5,540 रूपये 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से अदा करने का आदेश दिया, साथ ही मानसिक संताप के रूप में 5,000 रूपये व परिवाद व्यय के रूप में 5,000 रूपये का जुर्माना भी लगाया।
प्रार्थी गौरव गर्ग निवासी आबूरोड ने भारतीय रेलवे के जरिये, भारतीय रेलवे की रेल यात्रा का स्वयं का व अन्य दो टिकिट आबूरोड से ब्यावर व उसी दिन ब्यावर से आबूरोेड रवानगी का रिटर्न टिकिट खरीदा मगर रेलवे की लापरवाही के कारण ट्रेन समय पर नहीं पहुंचने से प्रार्थी को भारी विलम्ब के कारण रिटर्न ट्रेन भी निकल गई। प्रार्थी अपनी यात्रा से वंचित रहा तथा अनावश्यक 5,000 रुपये टेक्सी किराये के चुकाने पड़े व आबूरोड आकर रिजव्रेशन टिकिट को रद्द कर रकम वापस लौटने हेतु अप्रार्थीगण से निवेदन किया गया मगर रेलवे द्वारा यह संभव नहीं होना बताया गया। प्रार्थी ने परिवाद जिला आयोग में पेश किया।
आयोग का यह मानना है कि ट्रेन का लेट होना तब ही माफ किया जा सकता है जब कि ट्रेन लेट होने का संबंध दुर्घटना ,आतंकवाद ,बाढ़ , भूकंप आदि के कारणों से हो। यदि अन्य किसी कारण से लेट है तो रेलवे को आयोग के समक्ष पुख्ता साक्ष्य पेश कर यह सिद्व करना होगा कि ट्रेन का लेट होना उनके नियंत्रण के परे कारणों से हुआ था अन्यथा ट्रेन के लेट होने का कारण रेलवे द्वारा करीत की गई लापरवाही या प्रणालीगत विफलता मानी जाएगी जिसके लिए स्वयं जिम्मेदार होगा। चूंकि उक्त लापरवाही की प्रणालीगत विफलता व चूक के कारण कारित हुई थी, आयोग ने भारतीय उत्तर पश्चिम रेलवे को गौरव गर्ग कोे रकम की राशि जुर्माने सहित भुगताने करने हेतु आदेश पारित किया।
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