सिरोही। प्री-लिटिगेशन एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा किसी न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने से पहले ही आपसी सुलह करवाकर विवाद का निस्तारण किया जा सकता है। अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिरोही विक्रांत गुप्ता की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला स्तर पर सभी न्यायिक अधिकारीगण के साथ राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 14.05.2022 की सफलता सुनिश्चित करने के लिए बैठक का आयोजन किया गया।
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प्राधिकरण के सचिव रामदेव सांदू ने बताया कि जिला मुख्यालय के सभी न्यायिक अधिकारीगण द्वारा व्यक्तिशः तथा तालुकाओं पर स्थित न्यायालयों के न्यायिक अधिकारीगण द्वारा वीडियों कान्फ्रेन्स के माध्यम से बैठक में भाग लिया। प्राधिकरण के सचिव रामदेव सांदू ने बताया कि इस बैठक में जिला न्यायाधीश द्वारा सभी अधिकारीगण को इस राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में उपयुक्त प्रकरण रैफर करने, रैफर किए गए प्रकरणों में प्री-काउन्सलिंग करने तथा प्रकरणों का निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला न्यायाधीश द्वारा सभी न्यायिक अधिकारीगण से 5 वर्ष पुराने एवं 10 वर्ष पुराने राजीनामा योग्य प्रकरणों के निस्तारण पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
इसी प्रकार अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिरोही विक्रांत गुप्ता की अध्यक्षता में जिला स्तर पर सभी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण संबंधी न्यायिक अधिकारीगण एवं अधिवक्तागण के साथ राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 14.05.2022 की सफलता सुनिश्चित करने के लिए बैठक का आयोजित किया गया।
प्राधिकरण के सचिव रामदेव सांदू ने बताया कि यह राष्ट्रीय लोक अदालत किसी विषय विशेष के प्रकरणों के लिए सीमित न होकर सभी प्रकार के उपयुक्त प्रकरणों जिनमें प्री-लिटिगेशन एवं न्यायालयो में लंबित विभिन्न प्रकृति के मामले है, के लिए आयोजित की जा रही है। संपूर्ण राज्य में प्री-लिटिगेशन के अन्तर्गत धारा 138 एनआई एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवादो के प्रकरण, बिजली, पानी एवं अन्य बिल बिल भुगतान से संबंधी प्रकरण (अशमनीय के अतिरिक्त), भरण-पोषण से संबंधित प्रकरण, राजस्व विवाद, पैमाइश एवं डिवीजन ऑफ होल्डिंग सहित, सिविल विवाद, सर्विस मैटर्स, उपभोक्ता विवाद एवं अन्य राजीनामा योग्य विवाद जो अन्य अधिकरणों/आयोगो/मंचो/ऑथोरिटी/आयुक्त/प्राधिकारियों के क्षेत्राधिकार से संबंधित है, शामिल है।
प्री-लिटिगेशन एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा किसी न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने से पहले ही आपसी सुलह करवाकर विवाद का निस्तारण किया जा सकता है।
न्यायालयो में पहले से लंबित मामलो के अन्तर्गत राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण, धारा 138 एनआई एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण,एम.ए.सी.टी. प्रकरण, श्रम एवं नियोजन, संबंधी विवाद एवं कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम के प्रकरण, बिजली, पानी एवं अन्य बिल बिल भुगतान से संबंधी प्रकरण (अशमनीय के अतिरिक्त), पारिवारिक विवाद (तलाक को छोड़कर), भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण, सभी प्रकार के राजस्व मामले, पैमाईश एवं डिवीजन ऑफ होल्डिंग सहित, वाणिज्यिक विवाद, बैंक के विवाद, गैर सरकारी शिक्षण संस्थान के विवाद, सहकारिता संबंधी विवाद, परिवहन संबंधी विवाद, स्थानीय निकाय (विकास प्राधिकरण/नगर निगम, आदि) के विवाद, आयकर संबंधी विवाद, अन्य कर संबंधी विवाद, उपभोक्ता एवं विक्रेता/सेवा प्रदाता के मध्य विवाद, सिविल मामले (किरायेदारी, बंटवारा, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा, घोषणा, क्षतिपवूर्ति एवं विनिर्दिष्ट पालना के दावे) तथा अन्य राजीनामा योग्य विवाद जो अन्य अधिकरणों/आयोगो/मंचो/ऑथोरिटी/ आयुक्त/प्राधिकारियों के समक्ष लंबित है आदि प्रकरणो को न्यायालय के माध्यम से इस राष्ट्रीय लोक अदालत में रैफर करवाया जाकर राजीनामा से निस्तारित करवाया जा सकता है। सचिव सान्दू ने बताया कि पक्षकार/अधिवक्ता संबंधित न्यायालय/फोरम/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/तालुका विधिक सेवा समिति में प्रार्थना पत्र पेश करके अथवा ई-मेल, व्हाट्सएप या मोबाईल नंबर पर कॉल करके भी अपना प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे जाने हेतु आवेदन कर सकते है।
उन्होंने बताया कि इस बार राजीनामा योग्य दीवानी, राजस्व, फौजदारी मामलों, 138 एनआई एक्ट के मामलों एवं बैंके के ऋण वसूली संबंधी लम्बित एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों, दोनो ही प्रकार के मामलों में डोर-स्टेप काउन्सलिंग की आयोजित की जाएगी।
प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला एवं सेशन न्यायाधीश सिरोही विक्रांत गुप्ता ने पक्षकारो से अपील की है कि वें समय रहते न्यायालय में लम्बित अपने प्रकरण को लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित करवाकर इस अवसर का लाभ उठावें। राष्ट्रीय लोक अदालत अथवा मासिक लोक अदालतो के माध्यम से अपना प्रकरण निस्तारित करवाने पर पक्षकार को निम्नानुसार फायदे मिलते है:-‘प्रथमतः सस्ता एवं सुलभ न्याय, द्वितीय: सिविल कोर्ट के आदेश की तरह पालना, तृतीय: कोर्ट फीस की वापसी, चतुर्थ: अन्तिम रूप से प्रकरण का निपटारा, पंचम: समय की बचत। ’’
पक्षकारान् राष्ट्रीय लोक अदालत से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए संबंधित न्यायालय जहां प्रकरण लंबित है अथवा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिरोही (02972-294034) अथवा संबंधित तालुका विधिक सेवा समिति आबूरोड/आबूपर्वत/शिवगंज/पिण्डवाडा/रेवदर (न्यायालय परिसर) में संपर्क कर सकते है।