जयपुर। क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में प्रथम भीनमाल, दूसरा मथानिया एवं तीसरा स्थान आबूरोड का रहा।
जयपुरवासियों ने यहां जवाहर कला केन्द्र पर आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला-2022 में 1.40 करोड़ रुपये से अधिक के मसालों की खरीद की। 30 अप्रेल से प्रारम्भ हुये मेले का सोमवार, 09 मई को समापन हो गया है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने श्रेष्ठ स्टॉलोें को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह मेला सहकारी समितियों के व्यवसाय में वृद्वि करने के अच्छे प्रयास का एक बेहतर प्लेटफार्म प्रदान करता है। रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि सहकार मसाला मेले का वास्तविक लाभ किसानों और आम उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए सहकारी संस्थाओं के विशेष उत्पाद सहकारिता के भण्डारों पर उपलब्ध कराने के प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि आमजन को कॉनफैड के माध्यम से पहली बार 15 जैविक उत्पाद उपलब्ध कराने की शुरूआत की गई है।
रजिस्ट्रार ने कहा कि प्रदेश में सहकारिता सीधे रूप में 3 करोड़ से अधिक लोगों से जुडी हुई है और यह उनकी मुस्कराहट का एक कारण है। उन्होंने कहा कि हम सहकारी संस्थाओं को आमजन की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करेंगे और उन्हें वन स्टॉप के रूप में विकसित कर एक ही छत के नीचे गुणवत्तापूर्ण उत्पाद एवं सेवायें उचित मूल्य पर उपलब्ध करायेंगे।
उन्होंने बताया कि सहकार मसाला मेले में सर्वाधिक बिक्री के लिए अन्य प्रदेशों में केरल स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फैडरेशन, शीर्ष संस्थाओं में कॉनफैड, जिला भण्डारों में कोटा़ सहकारी उपभोक्ता भण्डार व क्रय विक्रय सहकारी समितियों में भीनमाल ने पहला स्थान प्राप्त किया।
अग्रवाल ने बताया कि सहकार मेलों के माध्यम से आमआदमी तक सहकारी उत्पादों की पहुंच होने लगी है और इससे सहकारिता की विश्वसनीयता बढ़ी है, उपभोक्ताओं को फायदा होता है और सहकारी संस्थाओं के कारोबार में बढ़ोतरी होती है। उन्होंने राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला की सफलता के लिए जयपुरवासियों, मीडिया एवं इससे जुड़े अधिकारियों व कार्मिकों को बधाई दी। रजिस्ट्रार ने बताया कि सहकार मसाला मेले को जयपुरवासियों के प्रेम और रेस्पांस से सहकारी संस्थाओं मे नया उत्साह आया है। उन्होंने बताया कि सहकार मेले से सहकारी संस्थाओं में व्यावसायिक समझ पैदा हुई है।
उन्होंने बताया कि 30 अप्रेल से आयोजित सहकार मेले में कारोबार एवं डिसप्ले की दृष्टि से समितियों को पुरस्कृत किया गया है। इनमें बिक्री के आधार पर शीर्ष संस्थाओं में प्रथम कॉनफैड, द्वितीय स्थान तिलम संघ व तृतीय स्थान पर जयपुर डेयरी रहा। क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में प्रथम भीनमाल, दूसरा मथानिया एवं तीसरा स्थान आबूरोड का रहा। इसी तरह से जिला उपभोक्ता भण्डारों की श्रेणी में कोटा, उदयपुर व जोधपुर क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
सर्वश्रेष्ठ डिसप्ले के आधार पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में कृभको, इफको तथा शीर्ष सहकारी संस्थाओं में राजफैड, कॉनफैड, तिलम संघ, जयपुर डेयरी एवं अपैक्स बैंक को सम्मानित किया गया। राज्य विशेष के विशिष्ट उत्पादों एवं मसालों की बिक्री एवं प्रदर्शन हेतु मार्केटफैड केरल, इरोड, पंजाब, टैनफैड तमिलनाडु की सहकारी संस्थाओं को सम्मानित किया गया। जिला उपभोक्ता भण्डारों की श्रेणी में उदयपुर, श्री गंगानगर व कोटा क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। इसी प्रकार केवीएसएस की श्रेणी में नागौर, आबूरोड एवं जोधपुर क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।