जयपुर। बच्चों के साथ बढ़ते यौन अपराधों में कमी लाने के उद्देश्य से राज्य के सभी कॉलेजों एवं विद्यालयों में राज्य, जिला एवं पंचायत समिति स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जिसमें उन्हें गुड टच-बैड टच एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
राजस्थान राज्य समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को राजस्थान राज्य समाज कल्याण बोर्ड की द्वितीय साधारण सभा का आयोजन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंबेडकर भवन में हुआ।
बैठक में राज्य बोर्ड ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का संचालन प्रारम्भ करने, गुड टच-बैड टच कार्यशाला के आयोजन, मासिक धर्म के दौरान महिला कार्मिकों के लिए वर्क फ्रॉम होम के प्रावधान, परिवार परामर्श केन्द्र, वृद्धाश्रम संचालन, यशोदा पालना गृह योजना, अन्तर्राष्ट्रीय भाषा शिक्षण केन्द्र की स्थापना आदि विभिन्न प्रस्ताव प्रशासनिक विभाग के माध्यम से स्वीकृति हेतु राज्य सरकार को भिजवाये जाने का निर्णय लिया।
डॉ. शर्मा ने कहा कि बोर्ड का गठन राज्य में विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ महिला एवं बच्चों के कल्याण एवं उत्थान के लिए प्रभावी नीति के निर्धारण एवं सामाजिक कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से किया गया है। इस संबंध में बोर्ड समय-समय पर अपने सुझाव भी देता रहा है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ बढ़ते यौन अपराधों में कमी लाने के उद्देश्य से राज्य के सभी कॉलेजों एवं विद्यालयों में राज्य, जिला एवं पंचायत समिति स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जिसमें उन्हें गुड टच-बैड टच एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि निरंतर सामाजिक परिवर्तनों के फलस्वरूप पारिवारिक तनाव में अत्यधिक वृद्धि हो रही है, जिसका असर वैवाहिक रिश्तों पर भी पड़ रहा है। इन परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए परिवार परामर्श केन्द्र स्थापित किये जाने की आवश्यकता है। जहां पर परिवार के सदस्यों एवं महिलाओं की काउंसलिंग की जाए तथा आवश्यकता पड़ने पर समुचित विधिक सहायता भी प्रदान की जाए।
बोर्ड अध्यक्ष ने अवगत कराया कि बोर्ड द्वारा यशोदा पालनागृह योजना का भी संचालन किये जाने का प्रस्ताव है, जिसके तहत 06 माह से 06 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों की देखभाल के साथ-साथ उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए शिक्षापूरक मनोरंजन एवं पोषाहार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
बैठक में डॉ. शर्मा ने कहा कि विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय भाषाओं को सिखाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय भाषा शिक्षण केन्द्र की स्थापना की जानी प्रस्तावित है। केन्द्र के माध्यम से भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर युवा रोजगार से जुड़ सकेंगे।
इनके अतिरिक्त राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य व जिला स्तरीय सेमीनार के आयोजन, नशा मुक्ति कार्यक्रम, वृद्ध एवं अशक्त गृह (वृद्धाश्रम) का संचालन समाज कल्याण बोर्ड द्वारा किया जाना तथा मासिक धर्म के दौरान राज्य सेवा नियमों में महिला कार्मिकों के लिए वर्क फ्रॉम होम का प्रावधान करने का प्रावधान किया जाए। राज्य बोर्ड में स्वैच्छिक संगठनों का डेटा एकत्र कर उन्हें सूचीबद्ध करने संबंधी प्रस्तावों की भी अनुशंषा प्रशासनिक विभाग को की जा रही है।
बैठक में बोर्ड उपाध्यक्ष श्रीमती मीनाक्षी चंद्रावत, सदस्य श्रीमती श्रद्धा आर्य, श्रीमती आस्था अग्रवाल, श्रीमती हुकुम मीणा, श्रीमती सीमा चौरडिया, डॉ. चन्द्रीका, श्रीमती तारा बेनीवाल, श्रीमती भावना सैनी सहित विभिन्न शासकीय सदस्य उपस्थित रहे।