रेवदर/ आबूरोड। रेवदर विधायक जगसीराम कोली ने जिले में एक भी नन्दी गौशाला नहीं खुलने से पशुपालकों व आमजन को रही परेशानी का मुद्दा विधानसभा में उठाया।

विधायक कोली ने सरकार से अतारांकित सवाल करते हुए जिले में विगत पांच वर्षों में कितनी लागत से कितनी नन्दी शालाएं खोली गई, इन शालाओं में वर्षवार कितने गौ-वंश के पालन-पोषण, उपचार पर आवंटित राशि, व्यय राशि व प्रत्येक नन्दी शाला की भौतिक सत्यापन रिपोर्ट, ऑडिट रिपोर्ट तथा अधिकारियों व कर्मचारियों के पदनाम सहित विवरण की जानकारी मांगी। वहीं उचित देखरेख के अभाव में नन्दी गौशालाओं के नाम पर आवंटित बजट को खुदबुर्द करने पर सवाल उठाए। इसके जवाब में सरकार ने बताया कि नंदीशाला जन सहभागिता योजनान्तर्गत जिला स्तरीय नंदीशाला खोले जाने के लिए सिरोही जिले से पात्र संस्था का प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने के कारण जिला स्तरीय नन्दीशाला नहीं खोली गई है।

जिला गोपालन समिति ने नन्दीशाला स्थापना व संचालन करने वाली संस्था के चयन के लिए निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण वर्तमान तक पंचायत समिति स्तर पर भी नन्दीशाला खोले जाने की संख्या शून्य है। जिला सिरोही में वर्तमान तक एक भी नन्दी शालाएं नहीं खुल पाने के फलस्वरूप उनमें नन्दी का पालन पोषण, उपचार, आवंटित बजट, खर्च, भौतिक सत्यापन एवं ऑडिट रिपोर्ट की सूचना शून्य है। नन्दी शालाओं की संख्या शून्य होने से जिले से मांग प्राप्त नहीं होने के कारण राशि आवंटित नहीं की गई है।