मंडार-विशेष । गरीब को गणेश मानकर अपने कार्य की करते है शुरुआत।
शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला उत्थान, पर्यावरण संरक्षण, किसान एवं वंचित वर्ग के हक के लिए बाबा साहेब अंबेडकर की राह पर चल रहे बुनकर। लीलाधारी महादेव की नगरी मंडार के सामाजिक कार्यकर्ता तथा कांग्रेस के युवा नेता मफतलाल बुनकर के साथ बचपन में घटी एक छोटी सी घटना ने उन्हें वंचित वर्ग के लिए कुछ कर गुजरने का दिया सुनहरा अवसर। काफी समय पूर्व की बात है बालक मफतलाल बुनकर अपने खेत से घर की ओर आ रहा था उस लड़के का बदन तेज बुखार से तप रहा था और पूरे बदन में दर्द के हथौड़े पड़ रहे थे। पीछे की तरफ से मोटरसाइकिल पर आ रहे अपने सरकारी सेवक मित्र से उस बालक ने उसे मोटरसाइकिल पर बिठाने के लिए आग्रह किया, मगर वह सरकारी सेवक बस चेहरा देख कर मुस्कुराकर मोटर साइकिल को चलाते हुए आगे बढ़ गए। इस घटना ने उस लड़के के मन पर गहरा प्रभाव डाला और साथ ही सकारात्मक प्रेरणा भी दी कि साथी ने या तो उसे अपने स्तर का काबिल नहीं समझा या साथी किसी विशेष कारण से जल्दी में होने से उसे मोटरसाइकिल पर नहीं बिठाया। मगर उस घटना ने मफतलाल बुनकर को यह सबक दे दिया कि कुछ कर गुजरना है और जीवन में निरंतर आगे बढ़ना है। यह परिचय है राजस्थान के अंतिम छोर पर बसे गांव मंडार के सामाजिक कार्यकर्ता कार्यकर्ता मफतलाल बुनकर का जिनका जन्म 8 जुलाई 1975 को हुआ था। वे कहते है कि व्यक्ति खुद को भी संभाले एवं औरों को भी संभाले यही मानव जीवन हैं। जैसा उन्होंने अपने जीवन में किया एवं कर रहे हैं।
मफतलाल बुनकर के पिता श्री जेताराम खेतीवाड़ी के साथ-साथ निःशुल्क, निस्वार्थ रूप से हार्डवैद का कार्य करते थे। उनकी प्रेरणा से ही मफतलाल बुनकर ने भी अपने जीवन में कुछ करने की ठानी। मफतलाल बुनकर स्कूल के दिनों से ही सामाजिक विषय पर आधारित कार्यक्रमों में भाग लेते रहे है। जिसमें अधिकतर शोषित, पीड़ित एवं महिला उत्थान से संबंधित कार्यक्रम रहे थे। उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, मान्यवर कांशीराम, संत कबीर, संत रैदास की जीवनी को पढ़कर अपने जीवन में उतार कर उसे आत्मसात करने का प्रयास किया हैं। वर्तमान में इन्हीं महापुरुषों की प्रेरणा से वे पीड़ित, वंचित के हक,अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। विद्यालय छोड़ने के उपरांत साल 2011 में पिता जी का आकस्मिक निधन हो जाने के कारण परिवार व घर गृहस्थी का भार उनके जीवन में नया मोड़ लेकर आया था। बीए प्रथम वर्ष प्रवेश का कुछ ही समय बिता था परिवार में दो भाइयों में मफतलाल बुनकर बड़े होने के कारण एवं घर की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के बीच परिवार की सारी जिम्मेदारी बढ़ गई थी। जिसे उन्होंने अच्छी तरह से संभाला, शिक्षा छोड़ने के उपरांत उन्होंने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए खेतीवाड़ी का कार्य शुरू किया, मगर खेत में पानी का अभाव होने के कारण परिवार दूसरे जमीदारों के खेत पर बटआई में कार्य किया। मगर अल्प आमदनी से परिवार का गुजारा नहीं चलने के कारण एक छोटे सा ऑटो रिक्शा खरीद कर उन्होंने स्वरोजगार की शुरुआत की। उसके बाद उन्होंने सेल्फ के स्तर पर कई छोटे-मोटे कार्य करते हुए साक्षरता की मुहिम चलाते हुए वित्तीय साक्षरता को प्रेरित किया तथा महिला अत्याचार निवारण महिला रोजगार हेतु सहायता समूह का गठन कराया उसके बाद उन्होंने सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देकर कई लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत
आपने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की एवं पार्टी कार्यकर्ता के रूप में आप काफी लंबे समय से कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में आपकों कांग्रेस पार्टी द्वारा गुजरात चुनाव में साबरकांठा जिले के सेवादल के जिला प्रभारी के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी हैं। आप धरातल से जुड़े हुए है वही आपकी माताजी गेरी देवी ग्राम पंचायत गुन्दवाडा-पादर से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित हुई थी। कांग्रेस पार्टी के द्वारा वर्ष 2008 में आपकों कांग्रेस पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग का प्रवक्ता बनाया गया था। वही जिला सतर्कता समिति सदस्य, राशन आवंटन सलाहकार समिति का सदस्य के साथ ही आपको मेघवाल समाज 22 परगना सिरोही द्वारा रेवदर मेघवाल समाज युवाओं के ब्लॉक अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी दी गई थी। आप अंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी के आजीवन सदस्य बनाए गए है वर्ष 2009 में राजस्थान मरुधर ग्रामीण बैंक किसान क्लब के अध्यक्ष बनाए गये थे। अनुसूचित जाति, जनजाति, गरीब, वंचित, पीड़ित के हक, अधिकार की लड़ाई के लिए आपको मुंसिफ न्यायालय रेवदर में पैरालीगल वोलंटियर कमेटी का सदस्य भी बनाया गया था। समाज के युवाओं के लिए आपने क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन कर युवाओं को प्रेरणा दी साथ ही जन-आंदोलन में भागीदारी करते हुए आपने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के अधिकार के लिए कई लड़ाई-लड़ी हैं।
इस प्रकार सामाजिक कार्यकर्ता मफतलाल बुनकर अपने कार्यो के दम पर राजनीति जीवन में आगे बढ़ने का सपना देखने वाले मफतलाल बुनकर ने साल 2013 में रेवदर विधानसभा से विधायक हेतु कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रूप में उम्मीदवारी भी जताई थी। आज भी रेवदर विधानसभा से विधायक पद हेतु स्थानीय उम्मीदवार के रूप में मफतलाल बुनकर की प्रबल दावेदारी है। मफतलाल बुनकर को वर्ष 2014 में स्वामी विवेकानंद मॉडल विद्यालय देरोल द्वारा अभिभावक संघ अध्यक्ष पद हेतु चुना गया था तथा विद्यालय में आपको एसएमसी का कोषाध्यक्ष भी बनाया गया था। वर्ष 2013 में किसान संघ का सदस्य बनाया गया वही वर्ष 2014 में सोशल मीडिया के माध्यम से आपने मिशन सार्वजनिक बगीचा ग्रुप बनाकर राजीव गांधी सेवा सेवा केंद्र मण्डार के सामने ग्राम पंचायत की पड़त भूमि में बगीचा बनाने हेतु अभियान की शुरुआत की थी। जो वर्तमान में बगीचा निर्माण कार्य जारी है। वर्ष 2005 में रेवदर में किसान आंदोलन में भी भाग लिया था, आंदोलन में पुलिस द्वारा किसानों पर लाठियां भी बरसाई गई थी उस दौरान आपके दाहिने हाथ में चोट भी लगी थी। 2005 में राजस्थान प्रेरक संघ के जिला अध्यक्ष बनाए जाने पर आपने प्रेरकों के हित के लिए आंदोलन किया। वर्तमान में आप किसान हितों की आत्मा कमेटी के सदस्य व ब्लॉक स्तरीय सतर्कता समिति के सदस्य हैं। साक्षरता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर वर्ष 2007 में बिरला ऑडिटोरियम में राज्य स्तर पर महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा अक्षर मित्र पुरस्कार से नवाजा गया था। 8 सितंबर 2005 को जिला स्तर पर जिला कलक्टर महोदय द्वारा अक्षर ज्योति सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। कोराना जैसी महामारी में दूसरे के दुःख-दर्द को अपना दर्द समझ कर जन-जन की सेवा की। वर्तमान में लंपी ग्रसित गौ माता के लिए भी जन सहयोग से चल रहे आइसोलेशन सेंटर में गौ माता की सेवा कर लंपी रोग से गौमाता की रक्षा का कार्य कर रहे है। प्राणी मात्र के प्रति दया का भाव ही सेवा है इसे मानकर मफतलाल बुनकर लंबे समय से पीड़ित लोगों के लिए प्रार्थना पत्र व अन्य पंजीयन संबंधित दस्तावेजों का टंकण करने का कार्य कर रहे हैं। इनके कार्य से लोगों में मफतलाल बुनकर लोकप्रिय जन सेवक के रूप में पहचान रखते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मफतलाल बुनकर समय-समय पर विद्यालय में छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन सामग्री, दीपावली के मौके जरूरतमंद बच्चों को मिठाई, पटाखे व गरीब वंचित लोगों को कंबल बांट कर मानव सेवा का कार्य कर रहे हैं।