जेतावाड़ा। गौशाला में गौमाता के चारे के लिए एक लाख 51 हजार रुपये व रामकथा में प्रसादी भंडार हेतु 51 हजार रुपये भेंट कर धर्म लाभ प्राप्त किया।
पडौसी राज्य गुजरात के छोटा अनापुर में श्री श्री 1008 सीताराम जी महाराज द्वारा संचालित सीताराम गौशाला में चल रही रामकथा आयोजन में मां सेवा ट्रस्ट के संस्थापक एवं भामाशाह प्रवीण भाई मोहनलाल शाह ने शामिल होकर कथा का लाभ लिया।
उन्होंने गौशाला में गौमाता के चारे के लिए एक लाख 51 हजार रुपये व रामकथा में प्रसादी भंडार हेतु ₹51 हजार रुपये भेंट कर धर्म लाभ प्राप्त किया।
अनापुर सीताराम गौशाला के श्री श्री 1008 सीताराम जी महाराज व जीवाणा मठ श्री श्री 1008 श्री रतन गिरी जी महाराज के द्वारा प्रवीण भाई मोहन लाल शाह का शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर बहुमान किया गया। इस अवसर पर प्रवीण भाई शाह ने अपने संबोधन में बताया कि आज भी भारतीय समाज में गाय को माता माना एवं कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि की रचना की थी तो सबसे पहले गाय को ही पृथ्वी पर भेजा था।
सभी जानवरों में मात्र गाय ही ऐसा जानवर है जो मां शब्द का उच्चारण करता है, इसलिए माना जाता है कि मां शब्द की उत्पत्ति भी गौवंश से हुई है। इसलिए हमें अपने जीवन में गौ माता के लिए अवश्य दान करना चाहिए। इस अवसर पर रमेश चंद्र शाह, राजेश शाह, चंदूलाल भाट समेत सैकड़ों की तादाद में भक्तजन उपस्थित थे।