जयपुर। सिरोही द्वारा सामुदायिक अध्ययन केन्द्र-एक अभिनवन, धौलपुर द्वारा सुपोषित बचपन, करौली द्वारा बढ़ते कदम-बालिका शिक्षा सुरक्षा एवं अवसर की समानता हेतु अभिनव पहल का आगाज, कोटा द्वारा कोचिंग छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य एवं सुविधाओं के लिए नवाचार, बारां द्वारा सहरियाओं के कल्याण के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम नया सवेरा, बूंदी द्वारा तारे जमीं पर, चूरू द्वारा डिजीटल लिटरेसी, हनुमानगढ़ द्वारा अनमोल, श्रीगंगानगर द्वारा मातृ शक्ति कक्ष और अलवर द्वारा एनीमिया मुक्त विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने शुक्रवार को शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में 13 जिला कलेक्टरों के साथ वीसी के माध्यम से उनके द्वारा सुशासन हेतु किए जा रहे नवाचारों के बारे में समीक्षा की। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने इस वीसी में जिला कलेक्टरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे ऐसे अभिनव नवाचार करें जोकि पूरे देश में मॉडल बन सकें। श्रीमती शर्मा को जिला कलेक्टरों ने महिला सुरक्षा, शिक्षा, कुपोषण, युवा एवं कौशल विकास, खेल और स्वास्थ्य विषयों पर उनके द्वार किए जा रहे नवाचारों के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।
मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टरों से एक सघन कार्यक्रम चलाकर जिले के सभी नागरिकों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर हम स्वस्थ्य जीवन शैली को अपनाएंगे, तो बीमारियां कम से कम होंगी और निरोगी राजस्थान के मुख्यमंत्री जी के संकल्प को पूरा कर सकेंगे।
श्रीमती शर्मा ने बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं में कुपोषण व एनीमिया को कमी दूर करने के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि महिलाओं में एनीमिया की कमी एक बड़ी समस्या है, इसके लिए उन्हें पोषण के प्रति जागरूक करें और पोषकतत्वों से भरपूर खाने के लिए प्रेरित करें।
मुख्य सचिव द्वारा जोधपुर जिला कलक्टर द्वारा विभिन्न विभागों के मध्य समन्वय से ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत आवश्यक खेल सुविधाएं विकसित कर खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। मुख्य सचिव ने कहा कि पूरे प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को तराशने पर काम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाओं के साथ कोच और मार्गदर्शन की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
मुख्य सचिव ने भरतपुर जिले द्वारा वहां के किसानों की आय में वृद्धि के लिए सरसों, शहद व दूध के क्षेत्र में किसान उत्पादक संगठनों की स्थापना व सशक्तीकरण के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019 का प्रचार-प्रसार होना चाहिए ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके।
श्रीमती शर्मा ने चूरू जिले में डिजीटल लिटरेसी के किए जा रहे प्रयासों की विशेष सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने इस जिले में बच्चों के पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने और बालिकों के पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता, कुरीतियों एवं अपराधों के प्रति जागरूक करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
इस वीसी में मुख्य सचिव के समक्ष जोधपुर जिले द्वारा खेलो जोधपुर, सुपोषित जोधाना, बाड़मेर जिले द्वारा मिशन सुरक्षा चक्र-बाड़मेर, सिरोही द्वारा सामुदायिक अध्ययन केन्द्र-एक अभिनवन, धौलपुर द्वारा सुपोषित बचपन, करौली द्वारा बढ़ते कदम-बालिका शिक्षा सुरक्षा एवं अवसर की समानता हेतु अभिनव पहल का आगाज, कोटा द्वारा कोचिंग छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य एवं सुविधाओं के लिए नवाचार, बारां द्वारा सहरियाओं के कल्याण के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम नया सवेरा, बूंदी द्वारा तारे जमीं पर, चूरू द्वारा डिजीटल लिटरेसी, हनुमानगढ़ द्वारा अनमोल, श्रीगंगानगर द्वारा मातृ शक्ति कक्ष और अलवर द्वारा एनीमिया मुक्त विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।
इस बैठक में आयोजना सचिव श्री नवीन जैन, आयुक्त आईसीडीएस श्रीमती उर्मिला राजोरिया, आयुक्त डब्लूईडी श्रीमती रश्मि गुप्ता, आयुक्त स्कूल शिक्षा डॉ. रश्मि शर्मा, कृषि विपणन विभाग के निदेशक श्री सोहन लाल शर्मा, मुख्य सचिव कार्यलय में निदेशक, मॉनीटरिंग डॉ. नीतेश शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।