सिरोही। भारत-पाक के बीच लोंगेवाला 1971 वॉर युद्ध के गौरवमयी स्वर्णिम 50 वर्ष पूर्ण होने पर भारतीय सेना के जवानों द्वारा कोटेश्वर लखपत फोर्ट गुजरात से निकली स्वर्णिम विजय बुलेट बाइक रैली गुरुवार को कर्नल कुणाल गांगुली के नेतृत्व में आर्मी जवानों के साथ देवनगरी सिरोही के प्रसिद्ध होटल बाबा रामदेव पहुंची।
जहाँ पर सभी का भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष गणपतसिंह राठौड़ एवं भाजपा नगर अध्यक्ष लोकेश खण्डेलवाल के नेतृत्व में पुष्प मालाओं से लादकर जोरदार स्वागत, सम्मान किया गया।
इस मौके पर भाजयुमो जिलाध्यक्ष गोपाल माली, पूर्व जिलाध्यक्ष हेमंत पुरोहित, सेवानिवृत्त फौजी नरेंद्रसिंह विरौली, छात्रसंघ पूर्व अध्यक्ष अनिल प्रजापत, अजय भट्ट, भावेश खत्री, योगेश माली, हिमांशु, ओमप्रकाश माली, सज्जनसिंह राजपुरोहित समेत बड़ी संख्या में युवाओं, महिलाओं व बच्चों ने गर्मजोशी से स्वागत सम्मान के साथ उन्हें भोज देकर बाइक रैली को आगे लोंगेवाला पोस्ट के लिए विदाई दी।
रैली का नेतृत्व कर रहे कर्नल गांगुली का राजस्थानी साफा पहनाकर स्वागत किया गया। रैली के साथ भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना, बीएसएफ, तटरक्षक बल के 32 बाइकर्स सहित करीब 60 जवान भाग पहुंचे। रैली भुज, अहमदाबाद, उदयपुर, सिरोही, जोधपुर एवं जैसलमेर से होकर गुजरेगी। रैली का समापन 5 दिसंबर को लोंगोवाला में लोंगोवाला दिवस समारोह के साथ होगा। उपस्थित जनों ने इस मौके पर सैनिकों के सम्मान में जबरदस्त भारत माता की जय सहित देशभक्ति के नारे लगाए। सैनिकों की बाइक रैली को देखकर आमजन और स्थानीय नागरिकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया और सभी ने बॉर्डर के असली नायक सैनिकों के सम्मान में जोरदार करतल ध्वनि से तालियां बजाकर सैनिकों के जज्बे को सेल्यूट किया।
देश मना रहा है विजय महोत्सव –
बाईक रैली का मकसद बताते हुए कर्नल ने बताया कि लोगोंवाला वॉर की स्वर्ण जयंती पर भारतीय जांबाजो के इन क्रेडिबल शौर्य, पराक्रम और साहस को याद करते हुए विजय महोत्सव मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष पर वॉर मेमोरियल के आयोजन में रैली सम्मिलित होगी जो आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का एक हिस्सा है।
लोंगोवाला में सेना ने अपने अदम्य शौर्य का प्रदर्शन किया –
अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित लोंगोवाला भारत पाक के बीच 1971 के युद्ध की वजह से इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुकी है। भारतीय सेना ने अपने अदम्य शौर्य का प्रदर्शन करके सभी को चकित किया था। पाकिस्तान को वो दुस्साहस बहुत महंगा पड़ा था। इस एकतरफा जीत के नायक ब्रिगेडियर कुलदीपसिंह जिन्हें वीरता के सर्वोच्च पुरस्कार महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। भारतीय वायुसेना के हमले से टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां छोड़कर पाकिस्तानी भाग खड़े हुए थे। लोंगोवाला की लड़ाई सबसे खतरनाक टैंक युद्दों में शुमार है।