सिरोही। मंकीपॉक्स वायरस के बारे में जानकारी देते हुए विभाग ने कहा कि इससे संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, त्वचा पर चकत्ते (चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक) पड़ते हैं।
मंकीपॉक्स, मंकी पॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट, गले में खराश और खांसी आना। मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के 21 दिनों में अगर इनमें से कोई लक्षण दिखता है तो तुरंत ही चिकित्सीय सलाह लेनी चहिये।
मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां हो सकती है जैसे आंख में दर्द या धुंधला दिखना, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, पेशाब में कमी, बार बार बेहोश होना और दौरे पढ़ना जैसे दिक्कतें आती है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने कहा कि अधिक जोखिम वाले व्यक्तियों पर मंकी पॉक्स के गम्भीर प्रभाव पड़ने की अधिक संभावना है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जिनकी इम्युनिटी कम हो, कोमोर्बिडिटी से ग्रसित लोग अधिक जोखिम वाले है स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मंकीपॉक्स मनुष्य से मनुष्य में फैलाता है।
बीमारी के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और गांठ के जरिये उभरता है और इससे कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। रोग के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखते हैं, जो अपने आप दूर होते चले जाते हैं। मामले गंभीर भी हो सकते हैं। हाल के समय में, मृत्यु दर का अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है, लेकिन यह 10 प्रतिशत तक हो सकता है। संक्रमण के वर्तमान प्रसार के दौरान मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है।
संक्रमण का प्रसार कैसे होता है?
मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। ऐसा माना जाता है कि यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है। यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है। यह वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक है और कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इनमें से कुछ संक्रमण यौन संपर्क के माध्यम से संचारित हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह समलैंगिक या उभयलिंगी लोगों से संबंधित कई मामलों की भी जांच कर रहा है।