नई-दिल्ली। कृषि कार्य को मनरेगा से जोड़ा जायें। क्षेत्रीय लोकसभा सांसद देवजी एम. पटेल ने नई-दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर संसदीय क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न कार्य करवाने के बारे में अवगत करवाया।
उडान योजना के अंतर्गत मानपुर (आबूरोड़) हवाई पटटी से वायु सेवा प्रारंभ करने की मांग रखी।
सांसद पटेल ने पीएम से मुलाकात के दौरान बताया कि माउंट आबू और शक्तिपीठ अम्बा जी माता मंदिर दो विश्व स्तरीय प्रसिद्व पर्यटन स्थल हैं। ब्रह्माकुमारी का अंतराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू है। माउंट आबू में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का ऑफिसर ट्रेनिग सेंटर है। सेना की दृष्टि से भी यह स्थान महत्वपूर्ण है। यहां प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में विदेशी पर्यटक आते है। इन पर्यटको को हवाई सफर के लिए 228 कि0मी0 दूर जोधपुर या 231 कि0मी0 दूर अहमदाबाद जाना पडता है। अतः उडान योजना के अंतर्गत सिरोही स्थित मानपुर हवाई पट्टी से वायु सेवा प्रारंभ करने की आवश्यकता है।
उन्होंने जालोर जिला केन्द्र पर मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग की।
सांसद पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जालोर जिला केन्द्र पर मेडिकल कॉलेज खोलने के बारे में अवगत करवाते हुए बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार जिले की कुल जनसंख्या लगभग 18.3 लाख है। जिले में 2001-2011 के दशक में जनसंख्या में कुल वृद्धि 26.31 रही है। जिले में शहरी आबादी कम है जबकि ग्रामीण आबादी 92.41 हैं। ग्रामीण क्षेत्रों मे स्वास्थ्य सुविधाओं का नितांत अभाव है। अतः जालोर जिला केन्द्र पर मेडिकल कॉलेज खोलने की आवश्कता है।
रोहिट से सांचौर वाया आहोर,जालोर, भीनमाल, करड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग को गतिशक्ति योजना से जोडकर निर्माण करवाया जायें। सांसद पटेल ने पीएम से अनुरोध करते हुए बताया कि रोहिट से सांचोर यह जालोर जिले की सबसे अति महत्वपूर्ण सड़क हैं। यह रास्ता करीब 250 किमी लंबा हैं तथा जोधपुर, पाली, जयपुर, अजमेर, ब्यावर एवं दिल्ली को सीधा पश्चिम क्षेत्र से जोड़ता हैं, यह सड़क मार्ग जिले के सभी उपखंड क्षेत्र को जालोर जिला मुख्यालय एवं जोधपुर संभाग से जोड़ता हैं। यह मार्ग प्राचीन धार्मिक स्थल के साथ-साथ अन्तर्राष्ट्रीय पाक सीमा से जुड़ने वाला मुख्य राजमार्ग हैं। इस सड़क मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग में निर्माण के लिए घोषणा की जा चुकी है। लेकिन अभी तक इस सड़क के संबंध में किसी भी प्रकार कोई प्रगति नही हुई है।
झेरडा से सिरोही मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर मंडार, रेवदर बाईपास निर्माण की स्वीकृति दी जाये।
सांसद पटेल ने बताया कि गुजरात के डीसा से सांचोर वाया धानेरा राष्ट्रीय राज्यमार्ग (168ए) घोषित किया गया है। गुजरात स्थित झेरडा से सिरोही राज्यमार्ग वाया मंडार, रेवदर होते हुए, यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग (एमएच 62) से मिल जाता है। दोनो तरफ से यह सडक राष्ट्रीय राजमार्ग से मिलने के कारण भारी वाहनों को आवागमन बढ़ता जा रहा है। इस मार्ग पर मंडार और रेवदर दो घनी आबादी वाले शहर है। इन शहरों के पास दिन में ट्रैफिक जाम हो जाना अब आम बात हो गयी है। जिससे आम नागरिकों सहित स्कूल जाने वाले छात्रों को और व्यापारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अतः झेरडा से सिरोही मार्ग (वाया रेवदर और मंडार में बाईपास निमार्ण) को राष्ट्रीय राज्यमार्ग घोषित कर निमार्ण करवाया जाना अत्यंत आवश्यक है।
सिरोही जिला केंद्र को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जायें।
सांसद ने पीएम से सिरोही जिला केंद्र को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने का आग्रह करते हुए बताया कि सिरोही जिला केन्द्र आजादी के 70 वर्षो के बाद भी रेलवे नेटवर्क से नही जुड पाया हैं। सिरोहीवासियों को आज तक रेलवे नेटवर्क से जुडने का इंतजार है। सिरोही जिला केन्द्र को मारवाड, बागरा, पिण्डवाडा, उदयपुर तक रेलवे नेटवर्क से जोडा जाएं।
कृषि में लागत कम करने तथा किसान की आय को दुगुना करने के लिए कृषि कार्य को मनरेगा से जोड़ा जायें।
किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार सार्थक पहल कर रही है। इसके अंतर्गत अनके योजनाएं चला रही है जिसमे प्रधानमंत्री फसल बीमा, आसान शर्तो पर कृषि ऋण आदि शामिल है। सांसद पटेल ने बताया कि आज जटिल समस्या है कि प्राकृतिक आपदा, सुखा, बेमौसम बारिश या टिंड्डियों के हमले से किसानों की फसल पुरी तरह से बर्बाद हो जाती है। किसान को बुवाई और उसकी मेहनत की मजदूरी तक नहीं मिलती है। आज खेती में लागत दिन प्रतिदिन बढती जा रही है। कृषि में लागत कम करने तथा किसान की आय को दुगुना करने में मनरेगा की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। लघु और सीमांत किसान अपने खेत को जोतने के लिए मजदूरों का उपयोग करता है लेकिन मजदूरी मंहगी होने के कारण अपने परिवार के साथ काम करता है। प्राकृतिक आपदा आने पर खेत की खडी फसल पुरी तरह से चौपट हो जाती है। इस विषम परिस्थितियों में किसान परिवार को मजदूरी तक नही मिलती है। आज सभी किसानों के जमीन की पीएम स्वामित्व योजना के अंतर्गत राजस्व विभाग रिकॉर्ड रखता है। ड्रोन की मदद से किसान के जमीन पर खेती हुई कि नही इसका पता लगाया जा सकता है। प्रति हेक्टेयर मनरेगा के तहत दिन सुनिश्चित कर सकते है। जिससे कि मनरेगा से उस किसान की मजदूरी का भूगतान किया जा सके। अगर मनरेगा को कृषि से जोडकर उस किसान को एक फसल के लिए 100 दिन और दो फसल के लिए 150 दिन का रोजगार देंगे तो उस परिवार द्वार की गई मेहनत की कुछ तो मजदुरी मिलेगा और किसान को भी लगेगा उसे अपने खेत मे फसल डाली है अगर कोई आपदा आ जाए तो भी सरकार उसको उनके खेत में किए गए कार्य की मजदूरी की गारंटी देती है। इससे कृषि कार्य से पलायन पर रोक लगेगी। किसान को एक निश्चित आय मिलगी। अगर सुखा या प्राकृतिक प्रकोप आता है तब भी वह किसान परिवार टूटेगा नहीं तथा खेती किसान छोडने पर मजबूर नही होगा।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी के पूरे परिवार को बीमा कवर से जोड़ा जाये।
सांसद पटेल ने मोदी का आभार जताते हुए बताया कि आप द्वारा प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जो किसानो के लिए काफी उपयोगी है। इस स्कीम के तरह सरकार देश भर के किसानों की अर्थिक मदद करती हैं। जो सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। आज यह योजना किसानों के लिए जीवन रेखा बन गई हैं। इसी प्रकार सरकार गरीबों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना चला रही है, जिसमें क्रमशः 12 रूपये और 330 रूपये राशि की मामूली रकम देकर गरीब किसान इससें जुडते हैं। इस बीमा पॉलिसी का प्रत्येक साल मई में नवीनीकरण करना होता है। कई बार गरीब, किसान, मजदूर समय पर अपनी पॉलिसी का नवीनीकरण करना भूल जाते है। जिससे परिवार में मृत्यु होन पर इस बीमा योजना के तहत दिए जाने वाले 2 लाख रूपये की आर्थिक मदद से वंचित रह जाते है। इस दुःख की घडी में भी गरीब परिवार को अंतिम संस्कार कार्य के लिए कर्ज लेना पडता है। सांसद पटेल ने पीएम से अनुरोध करते हुए कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के 11.3 करोड़ पात्र परिवार के सभी सदस्यों के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की राशि 12 रूपये तथा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की राशि 330 रूपये का भुगतान इस योजना से किया जाए। इस तरह देश के किसानों को दोहरा लाभ मिल सकेगा तथा उनका भविष्य पूर्णत सुरक्षित हो जायेगा। इतने बडे पैमाने पर सरकार एक साथ बीमा करवाएगी तो बीमा की प्रीमियम राशि भी घट जायेगी । परिवार में मृत्यु तथा दुर्घटना होने पर वह इस बीमा योजना की राशि से उसका परिवार अपना गुजारा कर सकेगा । इसके लिए उसे किसी पर निर्भर नही रहना पडेगा। इस दुःखद स्थिति में परिवार को सरकार द्वारा आर्थिक सहारा मिलेगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा कंपनी का संपूर्ण देश में टोल फ्री नंबर तीन-चार अंकों का जारी किया जायें।
सांसद पटेल ने पीएम मोदी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना योजना में सुझाव देते हुए अनुरोध किया कि विभिन्न जिलों में बीमा कंपनियों का टोल फ्री नंबर दस अंकों का और अलग-अलग कंपनियो का अलग-अलग नम्बर होते है, जिससे किसानों को याद रख पाना बहुत मुश्किल होता है। फसल के नुकसान पर किसान को 72 घंटो के अंदर टोल फ्री नंबर पर रिपोर्ट करना होता है। फसल के नुकसान के समय यह टोल फ्री नंबर लगातार व्यस्त रहता है। कंपनियों द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर अक्सर फोन नहीं लगता जिससे किसान अपने फसल खराबे की सूचना समय पर नही दे पाता है। अतः संपूर्ण देश में एक ही टोल फ्री नंबर तीन-चार अंकों का जारी किया जायें।