जयपुर। प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल खराबे के प्रति ज्यादा सचेत होंगे तथा समय पर नुकसान की शिकायत कर क्लेम हासिल कर सकेंगे। कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य के नवाचार को अपनाते हुए पूरे देश में काश्तकारों को बीमा पॉलिसियों का वितरण करने का निर्णय लिया है।
इससे किसान को बीमा पॉलिसी नहीं मिलने की समस्या समाप्त होगी। वह प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल खराबे के प्रति ज्यादा सचेत होंगे तथा समय पर नुकसान की शिकायत कर क्लेम हासिल कर सकेंगे। कटारिया ने शनिवार को यहां पंत कृषि भवन में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की पॉलिसियां वितरित कर ‘मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ’अभियान के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को कभी बेमौसम बारिश, कभी ओला वृष्टि तो कभी टिड्डी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से फसल में नुकसान झेलना पड़ता है। ऎसे विकट समय में राहत प्रदान करने के लिए फसल बीमा योजना बेहतर विकल्प है। राज्य सरकार की ओर से निरन्तर प्रचार-प्रसार और किसानों को समय पर बीमा क्लेम का भुगतान करने से प्रदेश में इस योजना की लोकप्रियता में निरन्तर वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में एक करोड़ से अधिक फसल पॉलिसी धारक किसानों को लगभग 14 हजार 500 करोड़ रुपए का बीमा क्लेम वितरित किया गया है।
कटारिया ने कहा कि किसानों को समय पर बीमा पॉलिसी नहीं मिलने की समस्या का निराकरण करने के लिए राज्य सरकार ने पिछले साल खरीफ मौसम में नवाचार करते हुए गांवों में कैेम्प लगाकर 36 लाख किसानों को बीमा पॉलिसियों का वितरण किया। इसके अच्छे परिणामों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने इसे पूरे देश में लागू कर काश्तकारों को बीमा पॉलिसियां वितरित करना शुरू किया है, जो हमारे लिए गर्व और खुशी का विषय है।
कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े केन्द्रीय कृृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि बीमित किसानों को फसल खराबे से होने वाले नुकसान से भरपाई के लिए फसल बीमा योजना में पर्याप्त बजट प्रावधान के साथ कई नए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कृृषि उत्पादन के साथ किसानों की आय बढ़ाने पर जोर देते हुए केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को काश्तकार तक पहुंचाने का आह्वान किया।
कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को पॉलिसी वितरित करने के साथ फसल बीमा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कई अन्य नवाचारी कदम उठाए हैं, ताकि पात्र किसानों को समय पर बीमा क्लेम मिल सके। उन्होंने बताया कि शिकायतों के त्वरित निष्पादन के लिए जिला एवं ब्लॉक स्तरीय कृषि कार्यालयों में बीमा कम्पनियों के कार्मिकों की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है। साथ ही किसानों की इससे संबंधित शंकाओं के समाधान के लिए एफएक्यू के रूप में लीफलेट वितरण शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि दोहरे बीमे तथा गैर कृषि भूमि पर फसल बीमा को रोकने के लिए राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल का भू-अभिलेख के साथ एकीकरण किया गया है।
कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि इस अभियान के तहत आज राज्य के सभी ब्लॉक में एक-एक चयनित ग्राम पंचायत पर कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को बीमा पॉलिसियों का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि रबी 2021-22 में 40 लाख 28 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा कवर करते हुए 1 करोड़ 59 लाख बीमा पॉलिसियों का सृजन किया गया है, जिनका आगामी दिनों में किसानों को वितरण किया जाएगा।
कार्यक्रम में उद्यानिकी विभाग के आयुक्त मेघराज सिंह रत्नू, कृषि विभाग के संयुक्त शासन सचिव डॉ. एसपी सिंह सहित विभागीय उच्चाधिकारी उपस्थित थे। ग्राम पंचायतों में आयोजित कार्यक्रमों में मौजूद जनप्रतिनिधि, कृषि विभाग के अधिकारी एवं किसान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।