जयपुर। टीबी रोगियों और उनके परिवारों को पोषण, रोजगारोन्मुखी एवं शैक्षणिक सहायता उपलब्ध कराने के पुनित कार्य में सहयोग करें और टीबी मुक्त प्रदेश बनाने में अपनी सामाजिक भागीदारी निभाएं।
राज्य क्षय अनुभाग द्वारा सोमवार को यहां स्वास्थ्य भवन के सभागार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ पृथ्वी की अध्यक्षता में राज्य टीबी फोरम की बैठक का आयोजन किया गया।
राज्य के टीबी रोगियों को सम्बल एवं सामाजिक सहयोग उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार द्वारा जन सहयोग प्राप्त करने के उद्देश्य से ‘‘राजस्थान निक्षय सम्बल योजना‘‘ का शुभारम्भ सोमवार को शासन सचिव एवं अन्य अतिथियों द्वारा किया गया। बैठक को सम्बोधित करते हुए डॉ पृथ्वी ने राज्य के सभी उद्योगों, कॉर्पोरेट संस्थानों, जन प्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं आदि से अपील की कि टीबी रोगियों और उनके परिवारों को पोषण, रोजगारोन्मुखी एवं शैक्षणिक सहायता उपलब्ध कराने के पुनित कार्य में सहयोग करें और टीबी मुक्त प्रदेश बनाने में अपनी सामाजिक भागीदारी निभाएं।
इस अवसर पर उन्होंने ‘‘राजस्थान निक्षय सम्बल योजना‘‘ के पोस्टर का भी विमोचन किया। उन्होनें कहा कि टीबी रोगियों की बात सरकार तक पहुंचाने और उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु गठित इस फोरम के माध्यम से समाज का प्रत्येक वर्ग इस जनकल्याणकारी योजना में बढ-चढकर भाग लेंगा।
मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने टीबी उन्मूलन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सामूहिक भागीदारी पर विशेष बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी टीबी रोगियों की एचआईवी एवं डायबिटीज की भी जांच की जाए । उन्होंने कहा कि टीबी फोरम जैसे माध्यमों से आमजन के विचार और अनुभव साझा कर प्रदेश को टीबी मुक्त प्रदेश बनाया जा सकता है।
निदेशक, जन स्वास्थ्य डॉ. वी के माथुर, ने कहा कि विभाग द्वारा राज्य के समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर पूर्व उपचारित रोगियों को टीबी चैम्पियन के रूप में चिन्ह्ति किया जा रहा है, जो क्षय रोगियों की समस्याओं के निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। टीबी चैम्पियन समुदाय में क्षय रोगियों की आवाज बनेंगे और विभाग द्वारा ‘निक्षय पोषण योजना‘ के अन्तर्गत पौष्टिक आहार हेतु दी जा रही सहायता राशि दिलाने में भी सहयोग करेंगे।
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ विनोद कुमार गर्ग ने कहा कि वर्ष 2025 तक टी.बी. रोग का उन्मूलन करने हेतु सरकार द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे है। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु समुदाय आधारित सहयोग आवश्यक है, जिसके द्वारा संभावित क्षय रोगियों की खोज एवं कार्यक्रम सम्मत सुविधाओं की जन-जन तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित की जा सके। इस दौरान विभाग के संबंधित अधिकारी एवं टीबी फोरम के अन्य सदस्य़ उपस्थित रहे।