सिरोही। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिरोही व अधीनस्थ तालुका विधिक सेवा समिति, पिण्डवाड़ा, आबूरोड़, शिवगंज, आबूपर्वत द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में आज जिले भर में विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया।
प्राधिकरण के सचिव रामदेव सांदू ने बताया कि जिला मुख्यालय पर कृषि विभाग के ’’आत्मा भवन’’ में शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ श्रीमती रूपा गुप्ता, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सिरोही द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
कार्यक्रम के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदया श्रीमती रूपा गुप्ता ने बताया कि 1975 में ’’संयुक्त राष्ट्र संघ’’ द्वारा 08 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा। इस वर्ष 2023 का उक्त दिवस पर आदर्श वाक्य है ’’लैंगिक समानता हेतु नवाचार एवं तकनीकी में तेजी लाना’’ है।
प्राधिकरण के सचिव रामदेव सांदू ने बताया कि कार्यक्रम 02 रिसोर्स पर्सन 1. विधि महाविद्यालय की आचार्या श्रीमती अनुपमा शाह तथा 2. अधिवक्ता भैरूपाल सिंह बालावत द्वारा दो सत्रों में पूर्ण किया गया।
उपस्थित महिलाओं और छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय दिवस को मनाने का मुख्य उद्वेश्य:- समाज में लैंगिक समानता लाना एवं महिलाओं के लिए अधिकारों में समानता लाना है। महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अवसर सुनिश्चित कराना और उनके साथ किसी भी क्षेत्र में भेदभाव नहीं किया जाए, यह सुनिश्चित करना। समाज में महिलाओं के योगदान एवं उपलब्धियों को सम्मान देने, उनके त्याग को मूल्य प्रदान करने एवं महिलाओं के अधिकारों के बारे में आमजन में जागरूकता लाना। उपस्थित महिलाओं और छात्राओं से अपेक्षा की कि वे संपर्क में आने वाले समस्तजन को महिलाओं के विरूद्व अपराधों के प्रति जागरुक करें ।
पहले सत्र में श्रीमती अनुपमा शाह द्वारा पारिवारिक कानूनों जैसे 1. विवाह एवं तलाक से संबंधित कानून 2. भरण-पोषण अधिनियम 3. महिलाओं का पैतृक संपति में उत्तराधिकार 4. घरेलू हिंसा प्रतिषेध अधिनियम आदि पर जानकारी दी गई।
दूसरे सत्र में अधिवक्ता बालावत द्वारा महिलाओं से संबंधित दीवानी एवं फौजदारी कानूनों जैसे 1. दहेज प्रताड़ना 2. एसिड अटैक 3. महिलाओं को शर्मसार करने वाली हरकत 4. अपहरण 5. यौन शोषण 6. पोक्सो अधिनियम 7. चिकित्सकीय गर्भ समापन एक्ट 8. लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 आदि के सबंध में जानकारी दी गई।
प्रत्येक सत्र उपरान्त सामान्य प्रश्नोत्तरी के माध्यम से प्रतिभागियों की शंकाओं का निराकरण किया गया। नाल्सा थीम सांग ‘‘एक मुट्ठी आसमान पर हक हमारा भी तो है’’ के प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
इस अवसर पर विशिष्ठ न्यायाधीश, अजा/अजजा (अ.नि.) प्रकरण वमिता सिंह, बाल कल्याण समिति सिरेाही की अध्यक्षा रतन बाफना, बाल कल्याण समिति की सदस्य श्रीमती शशिकला मरडिया, विधि महाविद्यालय सिरोही से डाॅ. मनीषा सिंदल तथा डाॅ. रेणु सहित जिला मुख्यालय से राजकीय विधि महाविद्यालय, महिला महाविद्यालय तथा राजकीय महाविद्यालय सिरोही की छात्राएं, वन स्टाॅप सेन्टर की महिला कार्मिक, महिला अधिकारिता विभाग के अधीन कार्यरत साथिन, ब्लाॅक सिरोही की महिला सरपंच तथा नगर परिषद सिरोही की महिला पार्षदगण ने भाग लिया। इस प्रकार कुल 135 प्रतिभागियों द्वारा इस कार्यक्रम में भाग लिया गया।