मण्डार। सरकार का नहीं, गौभक्तों का धन्यवाद, जो मण्डार एवं आसपास के गांवों में गौवंश में हुए लंपी स्किन डिजीज से बचाव हेतु रातदिन मेहनत कर रहें।
ये गौभक्त भामाशाहों से सहयोग लेकर, निरंतर सेवा भावी पशु चिकित्सक एवं युवा साथियों का सहयोग लेकर पशुओं के टीकाकरण से लेकर, इलाज एवं उनकी मौत पर उन्हें जमीन में सही तरीके से गाड़ने में एक जिम्मेदार नागरिक की हैसियत से काम कर रहे हैं। मण्डार से सामाजिक कार्यकर्ता एवं गौभक्त हितेश जैन एवं उनकी सेवा भावी टीम पिछले 20 दिन से दिनरात मेहनत कर रही हैं।
सरकार एवं उसमें बैठें जनप्रतिनिधि केवल आश्वासन एवं घोषणा ही कर रहे हैं। अभी तक धरातल पर कम से कम मण्डार क्षेत्र में तो सरकारी सहायता नहीं पहुंची। लंपी स्किन डिजीज के कारण कई गौवंश मौत के मुंह में जा चुके है तो कई लाइन में हैं। कुछ गौभक्तो के अनुसार गाय के नाम पर राजनीति तो खूब होती है साथ ही गौसेवा के नाम पर स्टाम्प पर टैक्स लगाया गया है वही शराब पर भी गौसेवा टैक्स लगा हुआ हैं। सिस्टम एवं सरकार केवल भामाशाहों के ही भरोसे काम करवाना चाहती हैं। आखिर वो गौसेवा के नाम पर लिया जाने वाला टैक्स कहां काम आएगा? जनता सिस्टम एवं सरकार से पूछ रही हैं।
पर्युषण पर्व पर जीव दया को जैन संघ मण्डार द्वारा हितेश जैन एवं गौसेवा कमेटी के आग्रह पर दो ट्रॉली घास एवं इक्कीस हजार रुपये का सहयोग गौवंश हेतु प्रदान किया गया।
मण्डार सरपंच परबतसिंह देवड़ा एवं हितेश जैन के अनुसार, जैन संघ मण्डार एवं कई भामाशाहों के सहयोग से गौवंश के लिए चारे, पानी ,वाटर प्रूफ टेंट एवं टीके सहित कई दवाइयों की व्यवस्था की गई हैं। म्हारी राजस्थान री सरकार आप पछे काई करो सा? क्योंकि आपकी वादा खिलाफी के कारण ग्राम विकास अधिकारी संघ एवं सरपंच संघ तो वैसे ही आंदोलन पर हैं। फिर क्या और कैसे होगा? लंपी स्किन डिजीज एवं राजीव गांधी ग्रामीण ओलपिंक खेल पर अच्छा काम।