मण्डार। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि रंग-बिरंगे पैकेटों में बंद गुटखा, तम्बाकू, सिगरेट, नशीली दवाईयां तथा शराब हमारी युवा पीढ़ी के प्रति एक संगठित अपराध है।
नशा हमारी भावी पीढ़ी को शारीरिक तथा मानसिक रूप से कमजोर कर रहा है। हमारे बच्चों का अपनी आयु अनुसार वजन तथा लम्बाई पुरानी पीढ़ी की तुलना में कम होता जा रहा है। अगर हमने अभी जागरूक होकर इस गुटखा एवं तम्बाकू रूपी दानव का मुकाबला नहीं किया तो बहुत देर हो जायेगी।
यह विचार मण्डार कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में मेरा भारत, व्यसन मुक्त भारत अभियान के तहत रखें एक कार्यक्रम में बीके ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बहनों ने रखें। इस दौरान उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में नशा युवा पीढ़ी को ले डूब रहा हैं। उन्होंने बताया कि सादड़ी जिला पाली से प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मेडिकल विंग की तरफ से चलाए जाने वाले अभियान मेरा भारत, व्यसन मुक्त भारत के अन्तर्गत मेरा राजस्थान, व्यसन मुक्त राजस्थान अभियान का भव्य शुभारंभ किया गया था।
इस अभियान के पहले दो फेज में इस कैंपेन ने जिला जालौर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर एवं पाली की 16 तहसीलों में 282 प्रोग्राम किए हैं। जिसमें करीब एक लाख लोगों को नशा मुक्ति का संदेश दिया गया तथा लगभग 90000 लोगों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई। अब अपने तीसरे फेज में यह अभियान सादड़ी से आबूरोड तक जायेगा। उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास इस अभियान में सन् 2000 के बाद जितने भी बच्चों ने भारत में जन्म लिया है, उन सभी को व्यसनों से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे मे जागरूक करना तथा व्यसनों से बचने के लिए सरल घरेलू उपाय के बारे में अवगत कराना ही लक्ष्य हैं। इस प्रयास से आने वाला भारत व्यसनों से मुक्त भारत होगा। इस अभियान में माउंट आबू से आए डॉ. बनारसीलाल शाह, बी.के. सुधीर, डॉ गोमती, बी के रवि, मुंबई से आए हुए डॉक्टर भारती जी, दिल्ली से आए हुए बीके पुष्पा, बी.के. उपदेश, बी.के. प्रवीण आदि अपना सक्रिय योगदान देंगे।
इस दौरान उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि आप जानते है कि भारतवर्ष में प्रतिदिन लगभग 3750 व्यक्तियों की मौत असमय ही तम्बाकू के सेवन से हो जाती है। प्रतिदिन 14-18 वर्ष की आयु के लगभग 5500 नये युवक धुम्रपान शुरु करते है। भारत में 90% मुँह का कैंसर तम्बाकू के सेवन से ही होता है। एक सिगरेट आपकी आयु के 11 मिनट कम कर देती है तथा इससे फेफड़ो का कैंसर होने का खतरा 10-15 गुणा बढ़ जाता है। टीबी होने की संभावना धुम्रपान करने वाले व्यक्ति में 3 गुणा अधिक तथा दिल का दौरा पड़ने तथा अचानक मृत्यु होने की संभावना भी 3 गुणा अधिक होती है। इस धुम्रपान से प्रतिवर्ष लगभग 12 लाख लोग मृत्यु का ग्रास बनते है।
उन्होंने बालिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम स्वयं परमात्मा द्वारा सिखाये गये विश्व प्रसिद्ध भारत के प्राचीन राजयोग के अभ्यास से व्यसनों की गुलामी से हम स्वयं को आजाद कर सकते है। इस संबंध में निःशुल्क परामर्श, दवाईयाँ तथा आसान घरेलू उपाय कर सकतें हैं।
आयोजित कार्यक्रम के दौरान बीके राधा बहन, बीके शैल बहन, बीके गुंजन, बीके उपदेश भाई, बीके संध्या, बीके साधना, युवा सामाजिक कार्यकर्ता मफतलाल बुनकर, प्रागाराम चौधरी सोरड़ा,रावताराम चौधरी, मंछाराम पुरोहित, कैलाश सैन,कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की वार्डन, स्टाफ एवं सैकड़ो बालिका उपस्थित थी। बालिकाओं को नशा नहीं करने की शपथ दिलाई गई।