रेवदर। डॉ एसएस भाटी एक प्रकार से भगवान बनकर, हाई रिस्क डिलीवरी केसों में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा कर रहें हैं। कस्बें में स्थित भारती हॉस्पिटल और सोनोग्राफी सेंटर में कार्यरत नॉर्मल डिलीवरी स्पेशलिस्ट डॉ एसएस भाटी की नॉर्मल डिलीवरी करवाने की ख्याति कई दशकों से पूरे प्रदेश में फैली हुई हैं। पूर्व में सिजेरियन हो चुकी गर्भवती महिलाओं तथा अन्य क्षेत्र के हॉस्पिटलो में सिजेरियन ऑपरेशन का बोलने पर गर्भवती महिलाएं रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल पहुंच रही है। जहां सभी की डॉ एसएस भाटी नॉर्मल डिलीवरी करवा कर गर्भवती महिला और परिजनों को राहत प्रदान कर रहे हैं।
हाई रिस्क डिलीवरी केसों की घटनाएं 1. पूर्व में आबूरोड के एक निजी हॉस्पिटल में हो रखी थी सिजेरियन ऑपरेशन से डिलीवरी इस बार रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल में नॉर्मल डिलीवरी करवा कर डॉ एसएस भाटी ने दिया मानवता का परिचय।
श्रीमती अनीता देवी पत्नी रमेश कुमार माली निवासी तवाव (जसवंतपुरा) जिला जालौर के पूर्व में आबूरोड के एक प्रसिद्ध निजी हॉस्पिटल में सिजेरियन ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी। इस बार भी सिरोही और आबूरोड में सिजेरियन ऑपरेशन की सलाह दी गई मगर परिजन नॉर्मल डिलीवरी की चाह में रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल व सोनोग्राफी सेंटर पहुंचकर नॉर्मल डिलीवरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर एस एस भाटी से मिले। जहां डॉ एसएस भाटी ने परिजनों को नार्मल डिलीवरी करवाने का पूरा विश्वास दिलाया और कुछ ही समय में सुरक्षित नॉर्मल डिलीवरी करवाई एवं जच्चा-बच्चा दोनों को सुरक्षित देख परिजनों ने डॉ एसएस भाटी का तहे दिल से आभार व्यक्त किया।
2. सिरोही के एक निजी हॉस्पिटल में 7 दिन पूर्व गर्भवती महिला के गर्भ में 2 बच्चे होने की वजह से सिजेरियन ऑपरेशन तुरंत करवाना अनिवार्य बोला गया। इस पर परिजन पहुंचे रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल जहाँ डॉ एसएस भाटी ने करवाई नॉर्मल डिलीवरी।
श्रीमती पवनी देवी पत्नी लक्ष्मण कुमार देवासी निवासी मनोरा (सिरोही) के डिलीवरी का दर्द होने पर परिजन सिरोही के एक निजी हॉस्पिटल में ले गए। जहां जांच के दौरान पता चला कि गर्भवती महिला के गर्भ में दो बच्चे हैं एवं वहां के डॉक्टर्स ने बताया कि बच्चो की धड़कन कम आ रही हैं। इसीलिए परिजनों को तुरंत पालनपुर जाकर सिजेरियन ऑपरेशन करवाना अनिवार्य होगा अन्यथा बच्चों की जान का जोखिम बताया। इस पर अचानक हुई ऐसी परिस्थिति को देखकर परिजन घबरा गए पर कुछ होश संभाल कर सिरोही से रवाना होकर सीधे रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल पहुंच नॉर्मल डिलीवरी स्पेशलिस्ट डॉ एस एस भाटी से मिले। जहां पर डॉ भाटी ने डिलीवरी में अभी कुछ समय बाकी होने की वजह से उन्हें घर भेज दिया और 7 दिन बाद डॉ एसएस भाटी ने गर्भवती महिला की नॉर्मल डिलीवरी करवा कर परिजनों को राहत प्रदान की।
3. तीन दिनों से इधर-उधर हॉस्पिटल के चक्कर लगा रही गर्भवती महिला को सिरोही और भीनमाल में बोला सिजेरियन ऑपरेशन अंततः गर्भवती महिला पहुंची रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल जहां डॉक्टर एसएस भाटी ने करवाई नॉर्मल डिलीवरी।
श्रीमती सविता देवी पत्नी महेंद्र कुमार माजीराणा निवासी दांतलावास (जालौर) को डिलीवरी का दर्द होने पर परिजन भीनमाल के एक निजी हॉस्पिटल में ले गए। जहां कुछ देर भर्ती रखने के बाद भी डिलीवरी नहीं हुई तो परिजनों को सिजेरियन ऑपरेशन का बोला अतः वहां से रवाना होकर परिजन सिरोही के सबसे बड़े हॉस्पिटल में पहुंचे। वहां पर भी कुछ देर भर्ती रखने के बाद परिजनों को सिजेरियन ऑपरेशन का बोला मगर परिजन ऑपरेशन नहीं करवाना चाहते थे अतः वहां से रवाना होकर 3 दिन की प्रसव पीड़ा के बाद रेवदर स्थित भारती हॉस्पिटल व सोनोग्राफी सेंटर पहुंच नॉर्मल डिलीवरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर एसएस भाटी से मिले। जहाँ डॉ एसएस भाटी ने परिजनों को नॉर्मल डिलीवरी करवाने का पूरा विश्वास दिलाया और मात्र चंद घंटों में ही सुरक्षित नॉर्मल डिलीवरी करवा कर गर्भवती महिला और परिजनों को राहत प्रदान की सभी ने डॉ एसएस भाटी का आभार व्यक्त किया।
4. हाई रिस्क डिलीवरी जिसमें गर्भवती महिला की पहली डिलीवरी और हीमोग्लोबिन मात्र 6 ग्राम था फिर भी डॉ एसएस भाटी ने कई वर्षों के अनुभव की बदौलत करवाई सुरक्षित नॉर्मल डिलीवरी।
श्रीमती वीरू देवी पत्नी राणा राम देवासी निवासी देलदर (सिरोही) के डिलीवरी का दर्द होने पर परिजन गर्भवती महिला को लेकर भारती हॉस्पिटल व सोनोग्राफी सेंटर पहुंचे। जहां जांच के दौरान पता लगा की पहली डिलीवरी और गर्भवती महिला का हीमोग्लोबिन मात्र 6 ग्राम ही था ऐसी हाई रिस्क डिलीवरी केस होने के बावजूद डॉ एस एस भाटी ने अपने कई वर्षों के अनुभव और तजुर्बे की बदौलत सुरक्षित नॉर्मल डिलीवरी करवा कर परिजनों को राहत प्रदान की।
5. डिलीवरी के समय गर्भवती महिला का हीमोग्लोबिन मात्र 5 ग्राम फिर भी डॉक्टर एसएस भाटी ने बिना चीरा बिना टांका के नॉर्मल डिलीवरी करवा कर गर्भवती महिला को पहुंचाई राहत।
श्रीमती फैंसी देवी पत्नी कलाराम माजीराणा निवासी गुलाबगंज (रेवदर) के डिलीवरी का दर्द होने पर परिजन गर्भवती महिला को लेकर भारती हॉस्पिटल व सोनोग्राफी सेंटर पहुंचे। जहाँ जांच के दौरान पता लगा कि गर्भवती महिला का हीमोग्लोबिन मात्र 5 ग्राम ही है गर्भ के पूरे 9 महीने तक गर्भवती महिला ने ना तो कोई टेबलेट ली और ना ही अन्य प्रकार की कोई जांच करवाई ऐसी हाई रिस्क डिलीवरी केस की बिना चीरा बिना टांका के नॉर्मल डिलीवरी करवा कर डॉ एसएस भाटी ने परिजनों और गर्भवती महिला को राहत प्रदान की।