सिरोही। एलएनटी के रूट ऑपरेशन मैनेजर मूलचंद खींची ने बताया कि कि प्रति वर्ष पूरे भारत वर्ष में 480000 सडक दुर्घटनाए होती है जिसमें करीब 151000 लोगों की दुर्घटनाओं से मौते हो जाती है और अगर प्रति घंटे की बात करें तो प्रति घंटा 17 लोग सडक दुर्घटना में पूरे भारत में मारे जाते हैं। हमें इस ज्वलंत मुद्दे पर विचार करना चाहिए और इस पर मंथन करते एक सुरक्षित रोड गाइडलाइन तैयार करनी चाहिए।
प्रदेश भर में चल रहें 32 वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह जागरूकता अभियान के तहत शिवगंज मॉडर्न डिफेंस सीनियर सेकेंडरी स्कूल में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं आदि को यातायात नियमों एवं यातायात दुर्घटनाओं में बचाव के उपायों की जानकारी एल एण्ड टी कंपनी उत्थमण टोल प्लाजा, पुलिस एवं परिवहन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
स्कूल में उपस्थित अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को परिवहन निरीक्षक गौरव सक्सेना ने कहा कि सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा की थीम के आधार पर इस बार 32 वॉ राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के साथ-साथ हमारे जीवन की रक्षा भी करनी है जिसके तहत आप नियमित रूप से अपने वाहनों की जांच कराएं, उसे मेंटेनेंस रखें और बिना लाईसेंस के यात्रा नहीं करें, हैलमेट व सीट बैल्ट का उपयोग करें तथा वाहन के संबंधित दस्तावेज साथ रखें और सड़क के नियमों का पालन करते हुए दूसरों को भी सुरक्षित सड़क पर चलने का अवसर प्रदान करें।
इसी प्रकार एलएनटी के रूट ऑपरेशन मैनेजर मूलचंद खींची ने बताया कि प्रति वर्ष पूरे भारत वर्ष में 480000 सडक दुर्घटनाए होती है जिसमें करीब 151000 लोगों की दुर्घटनाओं से मौते हो जाती है और अगर प्रति घंटे की बात करें तो प्रति घंटा 17 लोग सडक दुर्घटना में पूरे भारत में मारे जाते हैं। हमें इस ज्वलंत मुद्दे पर विचार करना चाहिए और इस पर मंथन करते एक सुरक्षित रोड गाइडलाइन तैयार करनी चाहिए। जिसमें हमें अपने परिवार, आसपास के माहौल से शुरुआत करनी होगी, रोड पर सुरक्षित चलने के लिए सड़क सुरक्षा नियमों अर्थात मोटरसाइकिल चलाते हुए आई एस आई मार्क का हेलमेट का उपयोग करना चाहिए तथा सीट बेल्ट लगाकर यात्रा करनी चाहिए। साथ ही पास में बैठे साथी को भी सीट बेल्ट लगाने के लिए प्रेरित करें, शराब पीकर कभी भी वाहन ना चलाएं और ना ही किसी को चलाने दे।
टोल प्लाजा मैनेजर आनंद सिन्हा ने बताया कि हमें सडक दुर्घटना में होने वाले घायलों की हमेशा मदद करनी चाहिए और माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 30 मार्च 2016 को गुड सेम रिटर्न पॉलिसी जारी की है जिसमें सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने वाले पर किसी भी प्रकार की पुलिस कार्रवाई नहीं होगी और ना ही पुलिस आपको किसी भी बयान या जानकारी के लिए बाध्य नहीं कर सकेगी। जिसके के पीछे एक मात्र उद्देश्य केवल सडक दुर्घटना में ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद का हैं। जिसमें दुर्घटना में होने मौतों के आंकड़े को कम किया जा सकता है
हैड कांस्टेबल भंवरलाल ने ट्रैफिक नियमों के पालन करने के लिए विद्यार्थियों से आह्वान किया तथा 18 वर्ष की आयु होने पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवा कर ही वाहन चलाने का आह्वान किया।
डिफेंस स्कूल के डायरेक्टर नरेंद्र सिंह राजपुरोहित व असिस्टेंट डायरेक्टर भानु प्रताप सिंह राजपुरोहित ने कहा कि विद्यालय में हमेशा इस तरह की गतिविधियों होती रहनी चाहिए और रोड पर चलने के नियम व कायदे यहां आकर हमारे बच्चों को सुरक्षित रोड के उपयोग पर जानकारी देते रहें। जिससे हमारे बच्चे रोड पर होने वाले एक्सीडेंट को कम करने मे सहायक हो सके और तथा घायलों की मदद स्वयं करें तथा दूसरों को भी मदद करने के लिए प्रेरित कर सके।