सायला । कद्दू कटेगा तो सबमें बंटेगा, जी,हां! ऐसा ही कुछ संगठित भ्रष्टाचार में होता हैं। क्या कभी आपने पुलिस थाने से थानेदार साहब एवं कांस्टेबल को नौ दो ग्यारह होते देखा है? हो सकता है नहीं देखा हो,लेकिन आज एसीबी की कार्रवाई होने पर जालौर जिले के सायला पुलिस थाने से थानेदार साहब एवं कई कांस्टेबल जरूर नौ दो ग्यारह हो गए। आखिर क्यों? प्रश्न बड़ा है, भ्रष्टाचार में यदि आप शामिल नहीं हो तो फिर क्यों डरना और क्यों भागना? खैर एसीबी की ईमानदार टीम कार्रवाई जरूर करेगी ही। दरअसल बात यह थी कि भ्रष्टाचारियों द्वारा एक मामलें में एक नागरिक यानी मालिक से एफआर लगाने के लिए करीब 50 हजार रुपये की घूस मांगी गई थी। इस संबंध में नागरिक यानी मालिक द्वारा पूर्व में ही पांच हजार रुपये भ्रष्टाचारियों को दे दिए थे। (हनुमानराम नामक व्यक्ति) नागरिक यानी मालिक द्वारा इस बारे में एसीबी में शिकायत की गई। जिस पर जाल बिछाकर आज भ्रष्टाचारियों को बाकी 45 हजार रुपये देने का तय किया गया। आज हुई कार्रवाई में सायला पुलिस थाने के एएसआई बाबूलाल को 45 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। एसीबी टीम के अनुसार इस मामलें में सायला पुलिस थाने के थानेदार सवाई सिंह की भूमिका भी संदिग्ध हैं। सूत्रों के अनुसार यह घूस की राशि थानेदार के लिए ही ली गई थी। एएसआई बाबूलाल तो मीडियेटर की भूमिका में था।
एसीबी की कार्रवाई की सूचना मिलने पर थानेदार सवाई सिंह एवं सायला थाने के कई कांस्टेबल गायब हो गए। एसीबी के डीआईजी विष्णुकांत के निर्देशन में यह कार्रवाई हुई। आज हुई कार्रवाई में पाली से एसीबी एडिशनल एसपी नरपतचंद्र एवं उनकी टीम एवं जोधपुर से एसीबी के भोपालसिंह लखावत एवं उनकी टीम शामिल रही। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार थानेदार के घर आदि जगह पर एसीबी टीम तलाशी अभियान चला रही हैं।