नई दिल्ली। राजस्थान से राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने राज्यसभा में अतारांकित प्रश्न के माध्यम से संरक्षित स्मारकों की सुरक्षा एंव रख रखाव पर चिन्ता जाहिर करते हुए राजस्थान में संरक्षित स्मारकों की कुल संख्या और विभिन्न स्थानों पर स्थित स्मारकों की विस्तृत जानकारी मांगी।
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साथ ही विगत 3 वर्षो में उक्त स्मारकों की सुरक्षा और उनकी देख-रेख कर पर्यटन विभाग, भारत सरकार द्वारा किये गये व्यय की जानकारी चाही है। इसी प्रकार राजस्थान के संरक्षित स्मारकों से अर्जित किये गये राजस्व एवं अर्जित होने वाले राजस्व को बढ़ाने हेतु भारत सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों का भी विस्तृत ब्यौरा मांगा है।
केन्द्रीय पर्यटन मंत्री जय किशन रेडडी ने बताया कि राजस्थान में कुल 163 केन्द्रीय रूप से संरक्षित स्मारक है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा उपलब्ध करवायी गयी जानकारी के अनुसार विगत 3 वर्षों में इनके रखरखाव पर 30.42 करोड़ रूपये का व्यय हुआ है। जिसका अधिकांश हिस्सा कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर खर्च हुआ है।
इसके विपरीत इन स्मारकों से 19.42 करोड रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। प्राप्त उत्तर से सरकार की इन संरक्षित स्मारक से राजस्व बढ़ाने की कार्ययोजना का अभाव स्पष्ट झलकता है। राजस्व बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा प्राचीन स्थल भानगढ, आभानेरी बावडी और अजमेर की बारादरी पर पर्यटकों के लिए टिकट लगा कर खानापूर्ति कर दी गई है।
माननीय सांसद ने एक अन्य प्रश्न के जरिये भारत सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री से विगत 5 वर्षों के दौरान भारत सरकार द्वारा देश में भारतीय संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन करने के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी चाही साथ ही उक्त अवधि के दौरान भारतीय संस्कृति के संवर्द्धन और इसके बारे में जागरूकता का सृजन करने के लिए तैयार किये गये कार्यक्रमों का ब्यौरा मांगा गया।
प्रश्नों की श्रृंखला में डांगी ने विगत 5 वर्षों के दौरान भारतीय संस्कृति के संवर्द्धन के प्रयोजन हेतु गैर-सरकारी संगठनों को जारी की गई धनराशि का राज्य एवं संघ शासित राज्य वार विस्तृत ब्यौरा मांगा।
जिसके प्रतिउत्तर में माननीय मंत्री ने अवगत कराया कि भारत सरकार द्वारा ललित कला अकादमी, कलाक्षेत्र प्रतिष्ठान आदि विभिन्न संस्थानों के माध्यम से द्रश्य कला प्रदर्शन के संवर्द्धन का कार्य किया जाता है। परन्तु मंत्री महोदय विगत 5 वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में गैर सरकारी संगठनों को जारी की गई धनराशि एंव नये सांस्कृतिक संस्थानों की स्थापना की स्पष्ट जानकारी नहीं उपलब्ध करा पाये।
(मनीष सिंह )
निजी सहायक माननीय राज्यसभा सांसद नीरज डांगी
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