सिरोही। जनप्रतिनिधियों और दानदाताओं ने हौसला बढ़ाया- सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि सीमित संसाधनों में भी जिला अस्पताल व कोविड केयर सेन्टरों की टीम ने दिन-रात बेहतर काम किया।
वहीं ऑक्सीजन और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता में जिले के जनप्रतिनिधियों के साथ ही दानदाताओं और सामाजिक संगठनों ने भी आगे आकर न केवल सहयोग किया बल्कि हौसला भी बढ़ाया।
संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर ऑक्सीजन में जिला अस्पताल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 1 नया प्लांट लगवाए जा रहा हैं।
हम सभी को अभी कोविड गाइडलाइन की पालना के लिए सजग रहना होगा। हौसला और जज्बा हो तो ऐसा कोई भी काम मुश्किल नहीं है जिसमें सफलता नहीं मिले। सीमित संसाधनों में सिरोही जिले के डॉक्टर्स एवं नर्सिंग कर्मियों ने कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाकर यह कर दिखाया है।
इसी का परिणाम है कि कोरोना के नए रोगी कम हो गए हैं और रिकवरी रेट भी बढ़ा है। जिले में 97.81 प्रतिशत रिकवरी रेट है।
इस बीच जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ती गई, उसी के हिसाब से बेड की संख्या बढ़ाने के साथ ही जिलेभर में बेड की व्यवस्था की गई। हर ब्लॉक स्तर पर कोविड केयर सेंटर शुरू किए गए।
जिले में ऑक्सीजन स्पोर्ट वाले 244 बेड के अलावा ब्लॉक स्तर पर कोविड केयर सेंटरों में 554 बेड कोविड रोगियों से फुल थे। मई के अंतिम सप्ताह के बाद कोरोना डाउन हुआ तो कुछ राहत मिली।
अब हालत यह है कि जिला अस्पताल में महज 12 रोगी भर्ती हैं जिसमें 8 ऑक्सीजन पर हैं, शेष बेड खाली हैं। वहीं ब्लॉक स्तर पर कोविड केयर सेंटरों पर भी रोगी कम होने से स्वास्थ्य कर्मियों को सुकून मिला है।
रेमडेसिविर, ऑक्सीजन और बेड को लेकर किए प्रबंध, जनप्रतिनिधियों और दानदाताओं ने भी किया सहयोग।
- कोरोनाकाल में जिले में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेंडर और बेड बढ़ाने के साथ ही आवश्यक संसाधनों में ऑक्सीफ्लो मीटर, रेगुलेटर, ऑक्सीजन प्लांट सहित अन्य संसाधन जुटाने पर फोकस किया गया।
- सीएचसी स्तर पर मरीजों को भर्ती किया गया वहीं अलग से आईएलआई की ओपीडी शुरु कराने के साथ ही रेपिड एंटीजन टेस्ट शुरु करा रोगियों को तत्काल चिह्नित कर उपचार दिया गया।
- जिले के विधायकों के साथ ही अन्य जनप्रतिनिधियों, दानदाताओं और सामाजिक संगठनों ने भी आगे आकर सहयोग किया। यही कारण रहा कि ब्लॉक स्तर पर बहुत से मरीज ठीक हुए और जिला अस्पताल में भी स्वास्थ्य प्रबंधन मजबूत हुआ।
- गांवों में रोगी अधिक मिल रहे थे इसलिए 2 माह तक डोर टू डोर सर्वे कर खांसी, जुकाम और बुखार के रोगियों को चिह्नित कर दवाएं वितरित की गईं।
- रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर प्रदेश के दूसरे जिलों में संकट की स्थिति बनी रही लेकिन इसके बावजूद सरकारी हो या प्राइवेट अस्पताल सभी जगह भर्ती रोगी के लिए इंजेक्शन उपलब्ध रहा।जनप्रतिनिधियों और दानदाताओं ने हौसला बढ़ाया।
सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि सीमित संसाधनों में भी जिला अस्पताल व कोविड केयर सेन्टरों की टीम ने दिन-रात बेहतर काम किया। वहीं ऑक्सीजन और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता में जिले के जनप्रतिनिधियों के साथ ही दानदाताओं और सामाजिक संगठनों ने भी आगे आकर न केवल सहयोग किया बल्कि हौसला भी बढ़ाया। संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर ऑक्सीजन में जिला अस्पताल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 1 नया प्लांट लगवाए जा रहा हैं।
सीएमएचओ ने टीम भावना से काम किया तो सार्थक परिणाम मिले।
सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ से लेकर आशा और एएनएम तक स्वास्थ्य विभाग के हर सदस्य ने अपनी जान की परवाह किए बिना बेहतर काम किया है। मुखिया होने के नाते मुझे मेरी टीम पर गर्व है।
संभावित तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य टीम तैयार है। सीएचसी स्तर पर बच्चों के लिए अलग वार्ड तैयार के साथ ही ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं।
जिले में रविवार तक 16538 रोगी ठीक हुए, रविवार को 18 नए रोगी मिले, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले में अब तक 16538 रोगी ठीक हो चुके हैं जबकि जिले में 16908 कोरोना मरीज मिले है। जिले में अभी 267 रोगी एक्टिव हैं। यहां बता दें कि गत मई के अंतिम सप्ताह से कोरोना के नए रोगी लगातार कम हो रहे हैं।
जिले में वैक्सीनेशन को आमजन में उत्साह नजर आ रहा है-
सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया की कोरोना को हराने के लिए जिले के लोग उत्साहित हैं। सुरक्षा के लिहाज से वह टीका पहले लगवा रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार जिले में अब तक कुल 2 लाख 19 हजार 267 लोगों का टीकाकरण हुआ है जिसमें 1 लाख 84 हजार 523 ने पहली और 34 हजार 744 लोगों ने दूसरी डोज लगवाई है।