अनादरा। आप भी स्वास्थ्य लाभ के लिए अपने घर पर औषधीय पौधों को जरूर लगाएं। कोरोना महामारी में भी कारगर है आयुर्वेद! क़स्बे के ग्राम पंचायत कार्यालय में आज राज्य सरकार के आदेश पर आरोग्य राजस्थान के सपनें को साकार करने के लिए घर-घर औषधि पौधें वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अनादरा में भगवान करोड़ी ध्वज कोठार के महंत श्री रामशरण दास जी महाराज,सरपंच प्रतिनिधि राजेंद्र सिंह सोलंकी, प्रिंसिपल लालाराम माली के नेतृत्व में इन पौधों का वितरण किया गया।
इसमें तुलसी,अश्वगंधा,गिलोय, काला मेघ इत्यादि के दो-दो पौधों का वितरण राज्य सरकार के आदेश पर प्रत्येक परिवार को करने की शुरुआत की गई।
भगवान करोड़ी ध्वज कोठार के महंत श्री राम शरण दास ने बताया कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी को आयुर्वेद दवा के माध्यम से ही कंट्रोल किया जा सका था।
आज पौधे वितरण की शुरुआत भगवान करोड़ी ध्वज कोठार के महंत श्री राम शरण दास जी महाराज के कर कमलों से की गई। इस दौरान उपसरपंच दोलाराम ,फकीर मोहम्मद,वली खान,ग्राम विकास अधिकारी लक्ष्मी लाल जीनगर,नगाराम चौधरी,पदमाराम चौधरी,अखिलेश यादव, कानाराम मेघवाल,जीवराज जैन,अब्दुल वसीम,अमृत लाल सेन,पूर्व उपसरपंच सोमाराम गरासिया,दिनेश चौधरी,पोसीतरा सरपंच महेंद्र मेघवाल,रोजगार सहायक छोगाराम,भुबा राम मेघवाल,लक्ष्मण गरासिया सहित बड़ी संख्या में गग्रामीण मौजूद थे।
सभी ने आयुर्वेद पौधों को अपने-अपने घरों में तथा पूरे गांव में लगाने के साथ ही पूरे गांव को स्वस्थ रखने की कामना की एवं शपथ ली।
आज हम बात करने जा रहे हैं उन औषधीय पौधों के बारे में जिन्हें हम अपने घर पर भी लगा सकते हैं। इन औषधीय पौधों का आज आयुर्वेदिक और सिद्ध दवाओं में बहुत उपयोग किया जाता है. वे हानिरहित हैं और इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। वे घर पर आसानी से उगाए जा सकते हैं। यह ध्यान रखना जरूरी है कि वैसे तो आप सरल घरेलू उपचार के लिए इन पौधों का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन अगर आपको कोई गंभीर बीमारी या समस्या है, तो ऐसी स्थिति में घरेलू उपचार करने के बजाय डॉक्टर से सलाह लेना ही बेहतर रहेगा। तो आइए जानते हैं, वे कौन से औषधीय पौधे हैं, जिनको अपने घर पर आप आसानी से लगा सकते हैं और जो आपके स्वास्थ्य के लिए भी हर तरह से लाभदायक हैं….
तुलसी (Basil)
तुलसी को हिंदुओं द्वारा एक पवित्र पौधा माना जाता है। इसलिए, इसे पवित्र तुलसी के रूप में भी जाना जाता है। यह अपने हीलिंग गुणों के कारण जड़ी बूटियों के रूप में मूल्यवान है। तुलसी का सेवन कच्चे रूप में किया जा सकता है या हर्बल चाय के रूप में सेवन किया जा सकता है।
तुलसी की चार किस्में हैं, जिन्हें राम तुलसी, वाना तुलसी, कृष्णा तुलसी और कर्पूर तुलसी कहा जाता है। कर्पूर तुलसी का उपयोग ज्यादातर बाहरी उद्देश्यों के लिए किया जाता है। कर्पूर तुलसी के तेल का उपयोग कान में इंफेक्शन के लिए किया जाता है। तुलसी में बहुत मजबूत कीटाणुनाशक, फफूंदनाशक, जीवाणुरोधी और एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो बुखार, आम सर्दी और श्वसन संबंधी बीमारियों को ठीक करने के लिए अच्छे होते हैं।
राम तुलसी के पत्ते तीव्र श्वसन सिंड्रोम के लिए एक असरदार उपाय के रूप में काम करते हैं। इसके पत्तों का रस सर्दी, बुखार, ब्रोंकाइटिस और खांसी से राहत देता है। मलेरिया को ठीक करने में भी तुलसी बहुत कारगर है। यह अपच, सिरदर्द, हिस्टीरिया, अनिद्रा और हैजा को ठीक करने में बहुत असरदार है। तुलसी की ताजी पत्तियों का सेवन हर दिन लाखों लोग करते हैं।
अश्वगंधा(Ashwagandha)
अश्वगंधा एक बहुत ही प्राचीन औषधि है, जिसका व्यापक रूप से आयुर्वेद में उपयोग किया जाता है और इसे घर पर भी उगाया जा सकता है। यह तनाव में कमी और तंत्रिका सुरक्षा के लिए सबसे अच्छी औषधि है। यह प्राचीन जड़ी बूटी प्रजनन क्षमता, घाव की देखभाल में सहायता को बढ़ावा देती है और इम्यूनिटी को बढ़ाती है। यह एक बहुत अच्छा हार्ट टॉनिक है। यह आंखों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। यह तनाव का मुकाबला करता है, जिससे डिप्रेशन और चिंता भी कम होती है। यह एक उत्कृष्ट जड़ी बूटी है, जो आसानी से कोलेस्ट्रॉल कम कर सकती है और ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सकती है।