स्वरूपगंज। उदयपुर जिले की मीणा जाति की लड़की को मंडार के पास के गांव बांट की घांची जाति की लड़की बताकर, फर्जी दुल्हन बनाकर, नितोड़ा के दिनेश कुमार घांची से फर्जी शादी कराकर ठगे थे तीन लाख अस्सी हजार रुपये। शादी के दिन ही रात को 11 बजे फर्जी दुल्हन हो गई थी नौ दो ग्यारह। स्वरूपगंज पुलिस थाने के जांबाज एवं कर्मशील थानाधिकारी छगनलाल डांगी एवं उनकी टीम ने आखिर फर्जी दुल्हन गैंग टीम को किया एक्सपोज़। मुख्य आरोपी एवं मंडार थाने के हिस्ट्रीशीटर वेलाराम उर्फ वेलजी माली सोनेला को भी किया गिरफ्तार।
जिला पुलिस अधीक्षक सिरोही हिम्मत अभिलाष टांक तथा अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक मिलन जोईया के निर्देशानुसार सुदर्शन पालीवाल आरपीएस (प्रशिक्षु) के निकट सुपर विजन में जिला सिरोही में संगठित गैंग बनाकर लोगों के साथ ठगी करने वाले पुराने लम्बित प्रकरणों में संगठित अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस थाना स्वरूपगंज के थानाधिकारी छगन लाल डांगी के नेतृत्व में गठित टीम में राजेंद्र सिंह, सहायक उप निरीक्षक मय टीम श्रीमती सुमन राठौड, हैड कांस्टेबल मय बाबू सिंह देवड़ा कांस्टेबल द्वारा थाना क्षेत्र के नितोड़ा ग्राम में करीब 12 माह पूर्व फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी दुल्हन बनाकर गैंग सदस्यो द्वारा रिश्तेदार बनकर बड़ी रकम ठग कर दुल्हन को फरार करने वाले मामले में पुलिस ने उक्त वारदात में गैंग में रहे मुख्य आरोपी वेलाराम माली उर्फ वेलजी माली निवासी सोनेला पुलिस थाना मंडार को दस्तयाब कर बापर्दा गिरफ्तार किया गया।
गौरतलब है कि दिनांक 16 फरवरी 2020 को प्रार्थी दिनेश कुमार पुत्र भानाराम घांची निवासी नितोड़ा ने रिपोर्ट दी थी कि दिनांक 10 फरवरी 2020 को अभियुक्त मोनिका पुत्री जमुना राम घांची निवासी घांची का वास, बांट, पुलिस थाना मंडार, जिला सिरोही के साथ सारणेश्वरजी मंदिर सिरोही में शादी की थी। इस विवाह में अभियुक्त का पिता चमनाराम घांची तथा दुल्हन के दो तीन अन्य रिश्तेदार भी शामिल हुए थे। तथा इन व्यक्तियों ने षड्यंत्र रच कर मेरे से ₹3,80,000 नकद लिए थे। शादी के बाद उसी दिन प्रार्थी अपनी नवविवाहित पत्नी के साथ शाम को 4.00 बजे घर पहुंचे तथा रात्रि को 11.00 बजे दुल्हन मोनिका लघुशंका करने का बहाना बनाकर घर से भाग गई। इस पर प्रार्थी ने 10 मिनट बाद देखा तो मोनिका घर के दरवाजे पर नहीं मिली। इस पर वगैरा रिपोर्ट पर संगठित गैंग द्वारा फर्जी विवाह कर रुपए ठग कर दुल्हन के फरार हो जाने का मामला पाया जाने पर थाना पर मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया। चूंकि मामला संगठित गैंग द्वारा फर्जी दुल्हन बनाकर बड़ी रकम के ठगने का मामला होने से पुलिस द्वारा काफी प्रयास करने के बावजूद तथा अभियुक्तों के नामजद नहीं होने से पुलिस द्वारा प्रयास करने के बावजूद पता नहीं लगने पर एक विशेष टीम का गठन कर मामले के संबंध में अनुसंधान करने पर पता चला कि ग्राम बांट पुलिस थाना मंडार में घांची जाति का कोई भी व्यक्ति नहीं रहता है। जिस पर स्पष्ट हुआ कि प्रकरण में फर्जी दुल्हन द्वारा विवाह नामा तथा पहचान के दौरान दिया गया आधार कार्ड भी संगठित गैंग द्वारा फर्जी बनाया गया है। जिस पर पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए तकनीकी आधार पर विश्लेषण करते हुए प्रकरण में मुख्य अभियुक्त भंवर लाल उर्फ भावेश पडियार माली निवासी जोधपुरिया ढाणी मालगढ़ डीसा गुजरात को कपड़गंज गुजरात से दस्तयाब कर बापर्दा गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भिजवा दिया। तत्पश्चात प्रकरण में पुलिस द्वारा त्वरित गति से अनुसंधान जारी रखते हुए उक्त वारदात में फर्जी नाम मोनिका घांची पुत्री चमन लाल घांची नाम से दुल्हन बनने वाली उक्त दुल्हन के बारे में पता लगाने पर यह लड़की असल में मोनिका मीणा पुत्री चंदू लाल मीणा निवासी मसारो की ओवरी पुलिस थाना ऋषभदेव जिला उदयपुर की होने से प्रकरण में पुलिस द्वारा इस लड़की को उसके गांव मसारो की ओवरी ऋषभदेव में दबिश देकर दस्तयाब कर गिरफ्तार किया गया। जिसे बाद अनुसंधान जेसी करवाया एवं एजेन्ट मुल्जिम अभिषेक कलाल को अहमदाबाद गुजरात से गिरफतार किया जाकर बाद अनुसंधान जेसी करवाया गया। इस प्रकरण में मुख्य आरोपी वेलाराम उर्फ वेलजी माली निवासी सोनेला पुलिस थाना मंडार जो कि मंडार थाने का हिस्ट्रीशीटर है तथा प्रकरण पंजीबद्ध होने के बाद से ही से अपने गृह क्षेत्र से फरार चल रहा था जिसे दस्तयाब किया जाकर बापर्दा गिरफतार किया गया।
आखिर यह संगठित गैंग कैसे फर्जी दुल्हन बनाकर अपराध करती थी :- उक्त संगठित गैंग द्वारा अपराध करने के लिए भोले भाले ऐसे लोगों को निशाना बनाया जाता था। जिनका किसी कारणवश विवाह नहीं हो पाता था,तो इस संगठित गैंग के व्यक्ति जगह-जगह अपने एजेंट के माध्यम से ऐसे जरूरतमंद व्यक्तियों की खोज कर संपर्क करते थे। तथा उसकी जाति आदि पता कर गैंग में शामिल महिला या लड़की का फोटो लगाकर संबंधित विवाह की आवश्यकता वाले व्यक्ति की जाति वाला नाम लगाकर फर्जी आधार कार्ड तैयार कर उस लड़की के साथ गैंग के अन्य सदस्य पिता तथा अन्य रिश्तेदार बनकर किसी होटल पर दोनों पक्ष से मुलाकात करवाते थे। इस तरह वे विवाह का सौदा तय कर तथा फर्जी नाम से विवाह नामा तैयार कर पीड़ितों को विश्वास में लेकर उनसे कपड़े वगैरा मंगाकर दुल्हन तैयार कर किसी मंदिर में विवाह करवाते थे। इस दौरान वे उससे पीड़ित पक्ष को विश्वास में लेकर बड़ी रकम ऐठ लेते थे तथा दुल्हन को घर भेज कर घर से भी सामान चोरी करवा कर फरार हो जाते थे। इस दौरान काफी मामलों में पीड़ित व्यक्ति बदनामी तथा फजीहत के डर से ज्यादातर मामलों में रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करवाते थे तथा फर्जी नाम पते होने से इस गैंग का पता भी नहीं चल पाता था। इस मामलें के मुख्य अभियुक्त – वेलाराम उर्फ वेलजी पुत्र धुडाराम जाति माली निवासी सोनेला पुलिस थाना मण्डार जिला सिरोही को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस टीम के इन सदस्यों का रहा योगदान- छगनलाल डांगी उनि. थानाधिकारी, पुलिस थाना स्वरूपगंज ,राजेन्द्रसिह सउनि.,बाबू सिंह देवड़ा कांस्टेबल,छगनलाल कांस्टेबल, तकनीकी सहायता,पुलिस थाना स्वरूपगंज
बड़ी महत्वपूर्ण बात –
गौरतलब है कि वेलाराम उर्फ वेलजी माली बहुत ही शातिर अपराधी है जो मंडार थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है जिसके विरुद्ध पूर्व में भी 10 प्रकरणों में न्यायालय में चालान हो चुका है, वेलाराम की गिरफ्तारी हेतु टीमें इसके घर जाने पर घरवाले अड़चन पैदा करने लगते थे तथा महिलाओं को आगे करते थे। जिससे पुलिस टीमें के लिए मुश्किलें आती थी उक्त शातिर मुलजिम 1 वर्ष से फरार चल रहा था। इस बार जब आवश्यक रूप से गिरफ्तार करने तथा परिजनों के विघ्न उत्पन्न करने की संभावनाओं के मद्देनजर इस बार मुखबिर की सूचना पर स्वरूपगंज थाना अधिकारी छगन लाल डांगी मय टीम खुद ग्राम सोनला स्थित अभियुक्त के घर पहुंचे तथा इमदाद हेतु मंडार पुलिस थाना का जाब्ता बुलाया। इस दौरान अभियुक्त के परिजनों ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया तथा विघ्न उत्पन्न करने का भी प्रयास किया। लेकिन टीम द्वारा आखिर अभियुक्त को लोहे की मजू बक्सा के नीचे घुसकर छुपे हुए अभियुक्त वेलाराम को गिरफ्तार किया गया।