मरुधरा। कौन कहता है बेटियां, बेटों से कम होती हैं। साहब! आजकल मारवाड़ की बेटियां नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। बस जरूरत है तो उन बेटियों के हौंसला अफ़जाई की, ताकि वो अपनी काबिलियत पूर्ण रूप से साबित कर सकें। ऐसा ही कुछ बेहतरीन प्रदर्शन किया हैं मारवाड़ की एक बेटी ने। हॉर्स राइडिंग के क्षेत्र में राजस्थान की उभरती हुई घुड़सवार साइमा सैयद ने देश में इस क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा है। जोधपुर की सायमा सैयद ने 80 किलोमीटर की एंडोरेंस रेस में कांस्य पदक के साथ क्वालीफाई कर के ‘वन स्टार राइडर’ होने की उपलब्धि प्राप्त की है।
सायमा देश की ऐसी पहली महिला घुड़सवार बन गई है जिसे वन स्टार केटेगरी प्राप्त हुई है। राज्य के अल्पसंख्यक मामलात, वक़्फ़ एवं जन अभाव अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने साइमा की इस सफलता पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि साइमा के इस प्रदर्शन से राज्य की महिला घुड़सवारों और युवाओं को एक प्रेरणा मिलेगी। वहीं बालिका शिक्षा के साथ साथ घुड़सवारी की तरफ समाज के युवाओं का रुझान भी बढ़ेगा।
एक्वेस्ट्रीयन फेडरेशन ऑफ इंडिया और आल इंडिया राजस्थानी हॉर्स सोसाइटी के गुजरात चेप्टर के तत्वावधान में गुजरात के अहमदाबाद में 15 से 17 फरवरी तक ऑल इंडिया ओपन ऐंड्यूरेन्स प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें साईमा ने मारवाड़ी घोड़ी अरावली पर माउंट हो कर इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में 80 किलोमीटर की इस स्पर्धा में देश के विख्यात घुड़सवारों के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा करते हुए कांस्य पदक के साथ इस रेस में क्वालीफाई किया। साइमा सैयद देश की पहली महिला घुड़सवार बन गई है जिसने ये उपलब्धि प्राप्त की।
इससे पूर्व साईमा ने 40 किलोमीटर 60 किलोमीटर और 80 किलोमीटर की प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त करते हुए क्वालीफाई किया था। वन स्टार राइडर बनने के लिए 40 और 60 किलोमीटर की एक एक और 80 किलोमीटर की दो प्रतियोगिताओं में क्वालीफाई करना होता है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि घुड़सवारी की एंड्यूरेंस प्रतियोगिता में पुरुषों और महिलाओं की अलग अलग प्रतियोगिता नहीं होती बल्कि महिलाओं को भी पुरुषों के साथ ही संघर्ष करके जीत हासिल करनी होती है। इससे यह जाहिर होता है कि हमारी बेटियां बेटों से कम नहीं है।
इससे पूर्व साइमा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ‘वंडर वूमेन’ का खिताब जीता था। साथ ही वह शो जम्पिंग, हेक्स आदि प्रतियोगिताओं में भी भाग लेकर कई पदक जीत चुकी है। वन स्टार बनने के बाद अब साइमा सैयद ऐंडयूरेन्स की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले सकेगी।
मारवाड़ी घोड़ी अरावली ने सफ़लता में निभाई अहम भूमिका
एंड्यूरेन्स प्रतियोगिता में घुड़सवार के साथ घोड़े की भी अहम भूमिका रहती है। घोड़े और घुड़सवार को एक ही इकाई के रूप में देखा जाता है। साइमा सैयद अपनी अधिकांश प्रतियोगिताओं में अपनी प्रिय मारवाड़ी घोड़ी अरावली के साथ भाग लेती है। वह स्टार बनने के लिए आवश्यक सभी प्रतियोगिताओं में साईमा ने अरावली पर सवार हो कर ही भाग लिया। इस तरह साईमा की इस कामयाबी में अरावली का भी बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा।