आबूरोड। आज समाज की नींव बच्चों के संस्कारों पर ही टिकी हुई है। ऐसे में बच्चों के श्रेष्ठ भविष्य के लिए बच्चों की शिक्षा के साथ साथ उनमें अच्छे संस्कारों का भी सिंचन करना चाहिए। इसका सबसे अधिक जिम्मा माता-पिता पर है। स्कूलों की शिक्षा में भी ऐसे मानवीय मूल्य अपनाये जाये जिससे यह साकार हो सके। आज उक्त उदगार राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने व्यक्त किये। वे बाल अधिकार संरक्षण आयोग राजस्थान तथा ब्रह्माकुमारीज संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में ग्लोबल ऑडिटोरियम मनमोहिनीवन में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उदघाटन अवसर पर बोल रही थी।
उन्होंने कहा कि यह पहली कार्यशाला है जिसमें अध्यात्म और मेडिटेशन को भी शामिल किया गया है। इसलिए हमें अपने जीवन को करीब से देखने का अवसर भी है। अपने जीवन में अच्छाई जब आयेगी तब बच्चे भी यही सीखेंगे। इससे ही एक सभ्य समाज का निर्माण होगा। पुलिस और बाल कल्याण समिति दोनो का एक दूसरे से जुड़ा हुआ कार्य है। जिससे मिलकर काम करने की जरूरत है।
जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि कई बार पुलिस को बच्चों की समस्याओं के समाधान के लिए बाल कल्याण समिति के पास जाना पड़ता है। ऐसे में यह सेमिनार निश्चित तौर पर लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा। ब्रह्माकुमारीज संस्थान मेें जो मूल्य सिखाएं जाते है वे कमेटी के सदस्यों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने कहा कि आज हमे इसकी महती आवश्यकता है कि हम बच्चों को पहली पाठशाला यानि घर से ही मूल्यों के लिए प्रेरित करें। क्योंकि बच्चें सबसे पहले अपने माता पिता और घर से ही सीखते हैं।
कार्यक्रम में बाल कल्याण विभाग के सदस्य सचिव महेन्द्र सिंह ने कहा कि ऐसे स्थान पर यह कार्यक्रम हो रहा है जहॉं अपने आप उर्जा मिल रही है। इसलिए ऐसे स्थान का पूरा फायदा लेना चाहिए। कार्यक्रम में बाल कल्याण विभाग के क्षेत्रिय निदेशिक पवन पूनियां तथा बाल कल्याण समिति नागौर के अध्यक्ष मनोज सोनी ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के जनसम्पर्क अधिकारी बीके कोमल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन बीके शिवांगी ने किया।
गौरतलब है कि इस दो दिवसीय कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य भाग ले रहे है। जिसमें बच्चों के सर्वांगीण विकास में आने वाली समस्याओं पर चर्चा और उसके निवारण के लिए प्रयास किये जायेंगे।