माउंट आबू। राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को माउंट आबू की नक्की झील के किनारे बने घेरदार पथ पर सैर की।
राज्यपाल ने माउंट आबू की नक्की झील के किनारे किए गए सौंदर्यीकरण के कार्यों और पर्यटकों के लिए की गयी व्यवस्था की सराहना की।
उन्होंने कहा कि आबू महाराणा प्रताप और राणा कुम्भा की कर्मभूमि रही है।
उन्होंने कुम्भा के कला प्रेम की चर्चा करते हुए माउंट आबू के सौंदर्य के अंतर्गत महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाने और नई पीढ़ी को राजस्थान के गौरव से जोड़े जाने के अधिकाधिक प्रयास किए जाने की भी आवश्यकता जताई।
उन्होंने माउंट आबू प्रवेश पर महाराणा प्रताप की, नक्की राउंड पर विवेकानन्द वाटिका में स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा लगाने और गांधी वाटिका में महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाए जाने के लिए भी प्रभावी और त्वरित कार्य किए जाने पर जोर दिया।
उन्होंने माउंट आबू जैसे पर्वतीय पर्यटनस्थलों पर वहां की जैव विविधता और पारिस्थिकी संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने का भी आह्वान किया।
उन्होंने आम जन से अपील भी की कि वे आबू के सौंदर्य को बनाए रखते हुए पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
उन्होंने आबू में स्वच्छता के लिए भी जनभागीदारी से कार्य किए जाने पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि प्रकृति से जुड़ा सौंदर्य तभी बचा रह सकता है जब आम जन पर्यावरण और पारिस्थितिकी संतुलन के लिए मिलकर प्रयास करे।
माउंट आबू और नक्की झील राउंड के दौरान राज्यपाल मिश्र को माउंट आबू के उपखंड अधिकारी अभिषेक सुराणा और नगरपालिका आयुक्त रामकिशोर ने आबू में आम जन से जुड़ी आधारभूत सुविधाओं के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी।