काबुल। अफगानिस्तान में आंतकियों की नई सरकार बनाने वाले तालिबान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने करारा झटका दिया है। IMF ने अफगानिस्तान के साथ अपने संबंधों को फिलहाल खत्म करते हुए ऐलान किया है कि तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार की मान्यता पर अंतरराष्ट्रीय स्पष्टता आने तक अफगानिस्तान के साथ उसका रिश्ता निलंबित रहेगा।
वैश्विक संस्था IMF ने कहा कि वह अफगानिस्तान के आर्थिक हालात से बेहद चिंतित है और उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से देश में किसी मानवीय संकट को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
IMF के प्रवक्ता गेरी राइस ने कहा, ‘अफगानिस्तान के साथ हमारा जुड़ाव तब तक स्थगित कर दिया गया है, जब तक कि सरकार की मान्यता पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर स्पष्टता नहीं हो जाती।’
उन्होंने कहा, ‘हम अफगानिस्तान में सरकार की मान्यता को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा निर्देशित हैं और अभी हमारे पास कोई स्पष्टता नहीं है। इसलिए, वहां IMF कार्यक्रम को रोक दिया गया है। देश इस समय आईएमएफ संसाधनों, एसडीआर आदि तक पहुंच हासिल नहीं कर सकता है।’
तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। तब से ही देश में हालात खराब हैं और हिंसा का दौर चल रहा है। कई वैश्विक नेताओं ने घोषणा की है कि वे तालिबान के शासन को राजनयिक मान्यता देने से पहले देखेंगे कि वह एक समावेशी अफगान सरकार और मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर अपने वादों को पूरा करता है या नहीं।
रूस, चीन, पाकिस्तान, ईरान और तुर्की जैसे देशों ने आगे बढ़कर तालिबान को एक मौका देने की बात जरूर कही है, लेकिन अब तक किसी भी देश ने आधिकारिक तौर पर तालिबान सरकार को मान्यता देने की बात नहीं कही है।