अनादरा। अरावली की पहाड़ियों में वाक़ई कुछ ना कुछ चमत्कार हैं। कोई ना कोई शक्ति जरूर है जो लोगों की आस्था एवं विश्वास को मजबूत बनाती हैं।
सिरोही से मंडार जाने वाले सड़क मार्ग पर स्थित अनादरा गांव से लगभग तीन किमी दूर करोड़ी ध्वज मंदिर आया हुआ हैं। यह मंदिर भगवान सूर्य नारायण का हैं। इस मंदिर की अपनी मान्यताएं हैं। मंदिर के महंत श्री रामशरण दास जी महाराज के अनुसार यहाँ पर एक चमत्कारिक जलकुंड हैं। वर्षो पहले यहाँ से गुजरने वाले बंजारा परिवार के मुखिया का कोढ़ रोग इस जलकुंड के पानी से ठीक हो गया था। जिस पर उस बंजारा परिवार ने भगवान सूर्य नारायण के मन्दिर की आधारशिला रखी थी। ऐसी मान्यताएं है कि भगवान द्वारा सपनें में उसे एक करोड़ ध्वजाएं चढ़ाने का कहा गया था जिस पर उसने यहाँ एक करोड़ ध्वजाएं भी चढ़ाई थी। जिसके कारण भगवान सूर्य नारायण के इस मंदिर का नाम करोड़ीध्वज मंदिर हो गया। मंदिर परिसर में भगवान सूर्य नारायण के मंदिर के साथ ही, भगवान महादेव का मंदिर, भगवान हनुमानजी एवं कई देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित हैं।
आज भी मंदिर पर कुत्ते की प्रतिमा मौजूद है
दरअसल बात यह है कि एक बार एक कुत्ता पानी पीने के लिए इस जलकुंड वाली जगह आया था। उसने पानी पीने के बाद अपने शरीर को भी पानी में डूबोया था। वह कुत्ता जब बंजारा परिवार के मुखिया के पास गया तब कुत्ते ने अपनी आदत के मुताबिक अपनी पूंछ को झटका तो उस जलकुंड के पानी की बूंदे उस बंजारा परिवार के मुखिया की कोढ़ वाली जगह पर गिरी तो वहाँ से कोढ़ खत्म हो गया। इस पर उसने कुत्ते के सहारे इस जलकुंड वाली जगह पर आकर अपना सम्पूर्ण कोढ़ मिटाया था। कुत्ते द्वारा मदद करने एवं उसकी याद में मंदिर पर आज भी कुत्ते की प्रतिमा मौजूद हैं।
मंदिर ट्रस्ट के सदस्य एवं भक्त आत्माराम वैष्णव रेवदर के अनुसार भगवान सूर्य नारायण का यह करोड़ीध्वज मंदिर काफ़ी ऐतिहासिक एवं बहुत ही चमत्कारिक हैं।
इस दौरान भक्त मोहनलाल सियाग, अकिलेश यादव, भूराराम सुथार आदि ने भी मंदिर के धार्मिक महत्व एवं जलकुंड के चमत्कार की जानकारी दी।
हर साल की भांति आज भी हरियाली अमावस्या पर यहाँ मेला भरा गया। मेले में भक्तों ने अपने भगवान सूर्य नारायण के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। महंत श्री रामशरण दास जी महाराज ने भी आए भक्त लोगों को आशीर्वाद दिया।
माउंट आबू की नक्की झील के ओवरफ्लो होने पर करोड़ीध्वज बांध में आता है पानी, इस बांध के पानी से रेवदर तहसील के किसानों को मिलता है लाभ। इस बार अभी तक इस बांध में पानी की आवक नहीं हुई हैं।