रेवदर। विधायक जगसीराम कोली ने भी कांवड़ यात्रा का उठाया धर्म लाभ। आज रेवदर क़स्बे में समस्त ग्रामवासियो की तरफ से कोविड़ गाइडलाइन की पालना करते हुए कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया।
जिसमें दर्जनों कांवड़ियों ने भाग लिया एवं श्री पंचमुखी महादेव मंदिर रेवदर में जलाभिषेक कांवड़ियों के द्वारा किया गया। कांवड़ यात्रा महंत श्री भीमगिरी महाराज के सानिध्य में बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर बासन से पंचमुखी महादेव रेवदर के लिए रवाना हुई।
कांवड़ यात्रा में दर्जनों माता बहिनो ने ख़ूब लोक-गीत गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। कांवड़ यात्रा का शिवगार्डन निवासियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया वही राणा चौक में जूस पिलाकर भी स्वागत किया गया। यह रेवदर में यह यात्रा राणा चौक, सदर बाजार, पुरोहित वास, नया बाजार, रामजी कुटिया, बस स्टैंड होते हुए पंचमुखी महादेव मंदिर रेवदर पहुंची वहाँ मंदिर में जलाभिषेक एवं महा आरती के साथ इसका समापन हुआ। इस कांवड़ यात्रा पर ग्रामवासियो द्वारा पुष्प वर्षा भी की गई एवं मंदिर परिसर में भक्तों को खीर वितरित की गई।
यात्रा में कांतिलाल दवे, कान्तिदास महाराज, विधायक जगसीराम कोली, मंछाराम पुरोहित, उकसिंह राजपुरोहित, आत्माराम वैष्णव, हनुमान अग्रवाल, गोभक्त अरविंद पुरोहित, लाखाराम चौधरी, नवीन अग्रवाल, मुकेश जोशी, जितेंद्र जोशी, नरेंद्र बंजारा, रणछोड़ भाई, चंद्र कांत पुरोहित , मुकेश पुरोहित, विशाल सोनी, राहुल अग्रवाल, अंशुल अग्रवाल, पुखराज पुरोहित, अजित चौधरी, ललित जोशी, घनश्याम, पूरण जोशी, प्रकाश वैष्णव, हेमंत सैन, महावीर वैष्णव, प्रवीण पुरोहित , बाबूलाल घांची, रवि दवे, रणजीत राजपुरोहित, गोपाल पुरोहित, किशोर सिंह, राहुल जोशी, अनिल जोशी, रविन्द्र सुथार, कैलाश पुरोहित, दसरथ पुरोहित, दिनेश जोशी, सावन सुथार, अनिल पंचाल, मीत दवे सहित सैकड़ों भक्तजन उपस्थित रहे।
क्या है कांवड़ यात्रा और उसका महत्व?
हर साल श्रावण मास में लाखों की तादाद में कांवडिये सुदूर स्थानों से आकर गंगा जल से भरी कांवड़ लेकर पदयात्रा करके अपने गांव वापस लौटते हैं इस यात्रा को कांवड़ यात्रा बोला जाता है। श्रावण की चतुर्दशी के दिन उस गंगा जल से अपने निवास के आसपास शिव मंदिरों में शिव का अभिषेक किया जाता है। कहने को तो ये धार्मिक आयोजन भर है, लेकिन इसके सामाजिक सरोकार भी हैं। कांवड के माध्यम से जल की यात्रा का यह पर्व सृष्टि रूपी शिव की आराधना के लिए हैं। पानी आम आदमी के साथ साथ पेड पौधों, पशु – पक्षियों, धरती में निवास करने वाले हजारो लाखों तरह के कीडे-मकोडों और समूचे पर्यावरण के लिए बेहद आवश्यक वस्तु है।