नई दिल्ली। जब गुजरात में खेडा जिला नर्मदा से सिंचित होगा तब कडाणा बांध के पानी का दो तिहाई भाग राजस्थान तथा एक तिहाई भाग गुजरात का होगा। यह पानी हाई लेवल नहर के माध्यम से जालोर व सिरोही को दिया जायेगा। समझौता अनुसार शर्ते की पूर्ति 2005 में हो गई थी, जबसे खेडा जिला नर्मदा से सिंचित होने लगा था। जबकि कडाणा बांध का पानी 337 कि0मी0 सुजलाम सुफलाम नहर बनाकर उतरी गुजरात में सिंचाई एवं पेयजल हेतु उपयोग किया जा रहा है, जो कि समझौते के विरूद्व है। कडाणा बांध 37 साल में 27 बार ओवरफ्लो होने के कारण लगभग 1.30 लाख एमसीएम पानी व्यर्थ मे बह गया। 15 सितम्बर 2019 को कडाणा से करीब 5.47 लाख क्यूसेक पानी छोडा गया था, इस कारण बडोदरा समेत कई जगह बाढ आई थी। सांसद पटेल ने बताया कि जालोर में कुल 697 गांव है उनमे से मात्र 237 गांवों में ही नर्मदा के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा सका है शेष 460 गांव पेयजल से वंचित है।
सांसद देवजी एम पटेल ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं किसान प्रतिनिधि मंडल सदस्यों के साथ मुलाकात कर जालोर-सिरोही संसदीय क्षेत्र में पेयजल एवं सिंचाई संबंधित समस्याओं के निस्तारण हेतु लंबित परियोजनाओं से अवगत करवाया। सांसद पटेल ने संसदीय क्षेत्र को केंद्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन में शामिल कर पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु राशि स्वीकृत करने पर धन्यवाद ज्ञापित किया तथा क्षेत्र में पेयजल व सिंचाई के लिए माही बजाज परियोजना, जवाई पुनर्भरण, सालगांव परियोजना आदि योजनाओं को साकार कर पश्चिमी राजस्थान के जालोर, सिरोही एवं बाड़मेर जिलों को लाभान्वित करने हेतु विस्तृत चर्चा की।
सुखा प्रभावित क्षेत्र जालोर, सिरोही और बाडमेर को कडाणा बांध पर निर्मित सुजलाम सुफलाम नहर से पूर्व मे 1966 के समझौते के तहत पेयजल एवं सिंचाई हेतु माही जल उपलब्ध करवाया जायें – सांसद देवजी पटेल।
सांसद पटेल ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को बताया कि खोसला कमेटी की रिपोर्ट 01.09.1965 के अनुसार गुजरात राजस्थान बोर्डर पर कडाणा बांध बनाना प्रस्तावित किया गया। तत्पश्चात 01.10.1966 को राजस्थान एवं गुजरात राज्य के बीच माही जल बंटवारा समझौता के तहत कडाणा बांध का निर्माण हुआ जिसमें वर्णित है कि जब गुजरात में खेडा जिला नर्मदा से सिंचित होगा तब कडाणा बांध के पानी का दो तिहाई भाग राजस्थान तथा एक तिहाई भाग गुजरात का होगा। यह पानी हाई लेवल नहर के माध्यम से जालोर व सिरोही को दिया जायेगा। समझौता अनुसार शर्ते की पूर्ति 2005 में हो गई थी, जबसे खेडा जिला नर्मदा से सिंचित होने लगा था। जबकि कडाणा बांध का पानी 337 कि0मी0 सुजलाम सुफलाम नहर बनाकर उतरी गुजरात में सिंचाई एवं पेयजल हेतु उपयोग किया जा रहा है, जो कि समझौते के विरूद्व है। कडाणा बांध 37 साल में 27 बार ओवरफ्लो होने के कारण लगभग 1.30 लाख एमसीएम पानी व्यर्थ मे बह गया। 15 सितम्बर 2019 को कडाणा से करीब 5.47 लाख क्यूसेक पानी छोडा गया था, इस कारण बडोदरा समेत कई जगह बाढ आई थी। सांसद पटेल ने बताया कि जालोर में कुल 697 गांव है उनमे से मात्र 237 गांवों में ही नर्मदा के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा सका है शेष 460 गांव पेयजल से वंचित है।
दीपक कुमार दोषी विशेषज्ञ की रिपोर्ट दिनांक 15.03.2018 में स्पष्ट किया गया है कि 10.01.1966 के समझौता की पालना सरलता से करने हेतु सुजलाम सुफलाम नहर को राजस्थान की ओर बढाकर बडी आसानी से जालोर, सिरोही एवं बाड़मेर को पेयजल और सिंचाई के लिए कडाणा बांध का माही जल उपलब्ध कराया जा सकता है।
पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू में पेयजल हेतु सालगांव परियोजना को शुरू करने के लिए वित्त विभाग से वित्तीय सहमति दिलवाई जायें – सांसद देवजी पटेल
सांसद पटेल ने जलशक्ति मंत्री से मुलाकात के दौरान बताया कि ससंद में दिनांक 9 जुलाई 2014 को शुन्य काल में दिनांक 30.09.2015 तथा 21.02.2021 पत्र के माध्यम से सालगांव परियोजना शुरू करने के लिए मांग की थी। उपरोक्त मांग को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा परियोजना की स्वीकृति प्रदान करने पर माउंट आबू के आम नागरिकों की तरफ से धन्याद एवं आभार ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिक विभाग की वित्त समिति ने परियोजना की डीपीआर जल संसाधन विभाग के माध्यम से तैयार करने हेतु राशि 31.67 लाख की वित्तीय स्वीकृत जारी की गई है। उक्त परियोजना की नीति निर्धारण समिति की संख्या 203 दिनांक 14.02.2021 के एजेण्डा आइटम 58 द्वारा प्रशासनिक अनुमति राशि 250.54 करोड रूपये की प्राप्त हो चुकी है तथा वर्तमान मे वित्त विभाग से योजना की वित्तीय सहमति प्राप्त करने का कार्य प्रक्रियाधीन है। अतः क्षेत्र की पेयजल की समस्या को देखते हुए सालगांव परियोजना को वित्त विभाग से वित्तिय सहमति शीघ्र दिलवाई जायें।
जवाई पुनर्भरण से ही जलसंकट का होगा निराकरण – सांसद पटेल
सांसद ने जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत को बताया कि पश्चिमी राजस्थान के पाली, जालोर व सिरोही जिले के लोगों को पेयजल एवं सिंचाई की समस्या के निस्तारण हेतु जवाई पुनर्भरण योजना क्षेत्र के लिए महत्ती आवश्यक हैं। जवाई बांध से सिंचाई में पानी मिलने पर कमाण्ड क्षेत्र विभिन्न जिन्सों के रूप में सोना उगलता है। सिंचाई के अभाव में कमाण्ड क्षेत्र के खेतों में सन्नाटा पसर जाता है। ऐसे में किसानों के सामने परिवार के लालन-पालन की समस्या खड़ी हो जाती है। वहीं कमाण्ड क्षेत्र में कृषि उत्पादन नहीं होने से राज्य की सुपर क्लास कृषि उपज मण्डी में प्रति वर्ष करोड़ों रुपये का कारोबार प्रभावित होता है।
ऐसे में जवाई पुनर्भरण योजना क्षेत्र के लिए महत्ती आवश्यकता बनी हुई हैं। योजना को मूर्तरूप दिया जायें तो कमाण्ड क्षेत्र के धरती पुत्रों समेत पाली, जालोर व सिरोही इलाके में पेयजल, सिंचाई व भूजल स्तर संबंधित समस्याओं का स्थायी समाधान होगा। उन्होंने बताया कि जवाई बांध के कमाण्ड क्षेत्र भूमि पाली जिले के सुमेरपुर व जालोर जिले के आहोर तहसील क्षेत्र में है। कमाण्ड क्षेत्र से करीब 35 हजार से अधिक किसान सीधे रूप से जुड़े है साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े काश्तकारों व श्रमिकों की संख्या भी लाखों में हैं। इलाकें के कई किसान अपनी भूमि में जवाई से सिंचाई के लिए पानी देने की मांग कर रहे हैं। जवाई का स्थायी पुनर्भरण होने से इन मांगों को पूरा किया जा सकता है।
जवाई बांध सुमेरपुर कृषि उपज मण्डी का आधार रहा है। क्षेत्र के अधिकांश कृषि गतिविधियां जवाई बांध पर निर्भर हैं। मण्डी में कृषि जिन्सों की अधिक आवक होती है तो कारोबारी गतिविधियां भी चरम पर रहती हैं और लोगों को रोजगार मिलता है। आवक कम होने पर मण्डी कारोबार व रोजगार का क्रम गड़बड़ाने लगता है। जवाई पुनर्भरण से कृषि उत्पादन में इजाफा होगा और व्यवसायिक गतिविधियां चरम पर रहेंगी।
सांसद देवजी पटेल ने बताया कि जवाई पुनर्भरण योजना के मूर्तरूप लेने पर बांध में वर्ष पर्यंत पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा। बारिश के दिनों में अधिक पानी की आवक होने पर जवाई नदी में भी अतिरिक्त पानी छोड़ा जा सकेगा। इससे जवाई बांध से जालोर तक नदी में जल प्रवाह चलेगा और भूजल स्तर में सुधार होगा। नदी के आस-पास स्थित कुओं के चार्ज होने से पर्याप्त मात्रा में कृषि जिन्सों का उत्पादन होगा। किसान अपने खेतों में तीन फसलें ले सकेंगे। नदी किनारे के कस्बों में पानी की उपलब्धता रहेगी और पेयजल समस्या का स्थायी समाधान होगा।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से मुलाकात के दौरान सांसद देवजी पटेल के साथ विधायक नारायणसिंह देवल, विधायक जोगेश्वर गर्ग, विधायक छगनसिंह राजपुरोहित, भारतीय किसान संघ जोधपुर संभाग अध्यक्ष सोमाराम चौधरी,भलाराम सारीयाणा, विक्रमसिंह पुनासा, महेंद्रसिंह झाब, सुरेश व्यास, रेवदर से सेवानिवृत्त तहसीलदार एवं किसान बद्रीदान चारण नयापुरा, शिवनाथसिंह राजपुरोहित वासडाधनजी, भारताराम देवासी, बाबुनाथ गुंदाऊ आदि मौजूद रहे।