सिरोही। कोख में पल रही बेटियों को बचाने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है और इसी कड़ी में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत मुखबिर योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रोत्साहन राशि को ढाई लाख से बढ़ाकर अब तीन लाख रुपए कर दी गई है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होगा। प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ने योजना के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं।
राज्य समुचित प्राधिकारी एवं एनएचएम एमडी सुधीर शर्मा ने बताया कि पूर्व में मुखबिर योजना के तहत भ्रूण लिंग परीक्षण संबंधी प्राप्त सूचना पर तीन किश्तों में ढाई लाख रुपए तक की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती थी।
लेकिन अब इसे और व्यावहारिक बनाते हुए सफल डिकॉय ऑपरेशन पर मुखबिर, डिकॉय गर्भवती महिला एवं सहयोगी को दो किस्तों में कुल तीन लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।
योजना में निर्धारित ढाई लाख की राशि की पहली किश्त सफल डिकॉय होने पर, दूसरी न्यायालय में परिवाद दर्ज होने एवं तीसरी किस्त फैसला आने पर दी जाती थी।
अब मुखबिर, डिकॉय गर्भवती महिला एवं सहयोगी को पहली किस्त सफल डिकॉय होने एवं दूसरी किश्त न्यायालय में अभियोजन पक्ष के समर्थन में बयान के बाद दी जाएगी।
आमजन दें सूचना, बेटियां बचाने में करें सहयोग
जिला नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि नवीन मुखबिर योजना के क्रियान्वयन से आमजन का भ्रूण लिंग परीक्षण रोकथाम में और अधिक सहयोग मिलेगा।
उन्होंने आमजन से भ्रूण लिंग परीक्षण की रोकथाम में सहयोग करने एवं इसकी शिकायत टोल फ्री नम्बर 104/108 एवं राज्यस्तरीय वाट्सएप नम्बर 9799997795 पर देने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि सिरोही जिले की जनता निश्चित ही इस पुण्य कार्य में सहयोग देगी एवं कोख के कातिलों को सलाखों के पीछे धकेलने में मदद करेगी।
गर्भवती महिला को अब दो किश्तों में डेढ़ लाख रुपए
सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि डिकॉय ऑपरेशन में गर्भवती महिला की अहम भूमिका रहती है। राज्य सरकार का यह निर्णय बेहद प्रभावी साबित होगा, क्योंकि गर्भस्थ शिशु की जोखिम एवं गर्भवती महिला को परेशानी को ध्यान में रखते हुए गर्भवती महिला की राशि में बढ़ोतरी की गई है।
पहले गर्भवती महिला को तीन किस्तों में कुल एक लाख रुपए की राशि दी जाती थी। अब उसे दो किस्तों में कुल डेढ़ लाख रुपए की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाएगी।
साथ ही पूर्व में मुखबिर को तीन किस्तों में 33 हजार 250 प्रति किश्त, सहयोगी को 16 हजार 625 रुपए प्रति किश्त मिलते थे। लेकिन अब मुखबिर को दो किस्तों में 50-50 हजार रुपए एवं सहयोगी को 25-25 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।