सिरोही। जहाँ पूरा पुलिस सिस्टम तक फैल हो जाता है वहां सिर्फ एक अकेला पटवारी पूरे मामलें तक को सुलझा देता हैं। वही आज पुलिस हम पर लाठीचार्ज कर रही हैं। हम छोटी मगर सशक्त प्रशासनिक इकाई हैं। यह बात आज जयपुर में पटवारियों के द्वारा कही गई जब वे अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विधानसभा की तरफ कूच कर रहे थे। तभी पुलिस द्वारा उन पर हल्का लाठीचार्ज किया गया, जिस पर पटवारी काफ़ी नाराज हो गए एवं वही धरने पर बैठ गए थे।
पटवार संघ सिरोही का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों में पटवारियों का वेतन सबसे कम है, जबकि पटवारी पूरे समय दिन रात फील्ड में रहकर काम करते हैं। सरकार ने सभी काम ऑनलाइन कर दिए है, लेकिन फिर भी पटवारियों को मोबाइल तक नहीं दिए गए हैं। हर समय काम करने वाले पटवारियों की वेतन वृद्धि की मांग काफी समय से चली आ रही है और इस मांग को लेकर 2018 में राजस्थान सरकार के साथ समझौता भी हुआ था। मगर उसके बाद भी समझौते का पालन नहीं किया गया। उन्होंने ग्रेड पे 3600 रुपए करने, पदोन्नति में समय सीमा 7-14-21-28-32 वर्ष किए जाने तथा नो वर्क-नो पे आदेश को वापस लिए जाने की मांग की।
सरपंच, विधायक, पूर्व विधायक, मंत्री से राजस्व मंत्री एवं राजस्व मंडल तक को अपनी मांग पहुंचाई। यह सरकार की हठधर्मिता है कि राजस्थान के 8 हजार गांव में पटवारी त्रस्त है। उनके दैनिक कार्य भी पूरे नहीं हो रहे हैं। राजस्व मंडल सोया हुआ है और सरकार कुछ नहीं कर रही है। पटवार संघ प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र नेमीवाल ने बताया कि राजस्व मंडल अजमेर से वह पैदल यात्रा कर जयपुर आये हैं। तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अजमेर से पटवारियों के 15 सदस्यों का दल पैदल 140 किमी जयपुर रवाना हुआ था। जयपुर पहुंचते पहुंचते आंकड़ा 6 हजार से पार हो गया, पूरे प्रदेश के पटवारियों ने लिया भाग।
राजस्थान पटवार संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र नेमीवाल ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों में पटवारियों का वेतन सबसे कम है, जबकि पटवारी पूरे समय दिन रात फील्ड में रहकर काम करते हैं। सरकार ने सभी काम ऑनलाइन कर दिए है, लेकिन फिर भी पटवारियों को मोबाइल तक नहीं दिए गए हैं। हर समय काम करने वाले पटवारियों की वेतन वृद्धि की मांग काफी समय से चली आ रही है और इस मांग को लेकर 2018 में राजस्थान सरकार के साथ समझौता भी हुआ था। मगर उसके बाद भी समझौते का पालन नहीं किया गया। उन्होंने ग्रेड पे 3600 रुपए करने, पदोन्नति में समय सीमा 7-14-21-28-32 वर्ष किए जाने तथा नो वर्क-नो पे आदेश को वापस लिए जाने की मांग की।
आंदोलनरत पटवारियों ने बताया कि पिछले 18 महीने से राजस्थान के सभी पटवारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं।लेकिन राजस्थान की सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही। अब ईट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्व मंडल ने पटवारियों के साथ चूहे बिल्ली का खेल खेला है। राजस्व मंडल की कारगुजारियो को सड़कों पर पटवारी जाहिर करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों के जिला अध्यक्षों को सूचित किया गया था। जिससे राजस्थान के हर जिले से पटवारी ने इस आंदोलन में शामिल हुआ हैं। गौरतलब है कि राजस्थान पटवार संघ वेतन विसंगतियों को दूर करने एवं ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर संघर्षरत है। आंदोलन के तहत 28 फरवरी तक अतिरिक्त मंडल के कार्य का बहिष्कार पटवारियों ने किया हुआ है।