पोकरण। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बिना किसी हथियार के अहिंसा के रास्ते इस देश को आज़ाद कराया। उन्होंने एक विचारधारा के तहत पूरे देश के लोगों को एकत्र किया, जिसकी बदौलत देश अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद हुआ। अल्पसंख्यक मामलात, वक़्फ़ एवं जन अभाव निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने सांकड़ा के गांधी मेला में गांधी के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामलात, वक़्फ़ एवं जन अभाव निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने
कहा कि सांकड़ा में 1954 में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जय नारायण व्यास ने गांधी मेले की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे जवानों की बदौलत हम सब सुख चैन की नींद ले पा रहे हैं, हमारे देश के जवान कड़कड़ाती ठंड एवं 54 डिग्री के तापमान के साथ आंधी एवं बरसात में भी ड्यूटी कर रहे हैं। कई जवान अपना फर्ज अदा करते हुए शहीद हुए हैं। आज के दिन को इन शहीदों के नाम से याद रखा जाना चाहिए। इस दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ शहीद जवानों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि जब वे पहली बार विधायक बने थे, तब क्षेत्र में पेयजल की स्थिति बड़ी खराब थी। जनता को मीठा पानी उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की। आज क्षेत्र के विभिन्न गांवों में हिमालय का पानी मिल रहा है। ग्रामीणों की मांग पर कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के स्कूल खोले गए। उच्च शिक्षा के लिए भणियाणा में कॉलेज स्वीकृत कराया, अब शुरू होने वाला है। इस बजट सत्र में सांकड़ा में कॉलेज की सौगात मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन दो वर्षों में सर्वाधिक कॉलेज खोले गए हैं।
उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत की मंशा है कि गरीब व्यक्ति को निग़ाह में रखकर कलम चलाएं , ताकि कोई गलत फैसला न हो। इसी का उदाहरण है कि गरीब एवं बीमार लोगों को निशुल्क दवा एवं जांच की व्यवस्था शुरू की गई। इतना ही नहीं पशुओं के लिए भी निशुल्क दवा की व्यवस्था की गई है। आज नि: शुल्क दवा योजना को पूरे देश मे लागू किया जा रहा है।
अशोक गहलोत की पहली कैबिनेट ने पहला फैसला वृद्धावस्था पेंशन राशि को बढ़ाकर सम्मान दिया। किसानों के राहत के लिए राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों के ऋण माफ किए, तीन लाख तक के ऋण बिना ब्याज के दिए जा रहे हैं। इस बार आयोजित हुए कार्यक्रम में खेलकूद, निबन्ध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। गांधी मेले को बड़े स्तर पर आयोजित करने की इच्छा जाहिर की।
इस दौरान गांधीवादी विचारक सवाई सिंह एवं किशन गिरी, जैसलेमर सभापति हरिवल्लभ कल्ला, भणियाणा प्रधान प्रतिनिधि रणवीर गोदारा, नाचना प्रधान अर्जुन मेघवाल, मनोहर जोशी, आरब खान सनावड़ा, किशोर सिंह कानोड़, सूरज चारण, विभिन्न ग्राम पंचायतों के सरपंच मौजूद रहे।
किसानों की जायज मांगें नहीं मान रही मोदी सरकार:
अल्पसंख्यक मामलात, वक़्फ़ एवं जन अभाव निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दो माह से देश के किसान आंदोलन कर रहे हैं। अब तक 87 किसान इसमें शहीद हो गए।
देश के अन्नदाताओं की जायज मांगों को केंद्र सरकार नहीं मान रही है। मानना तो दूर सुन भी नहीं रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को नक्सलवादी, आतंकवादी, अलगाववादी कहा जा रहा है , जो देश के लिए बड़े दुर्भाग्य की बात है।