सिरोही। गांवों में आखिर शराब की अवैध ब्रांचे किस की मिलीभगत से चल रही हैं। क्या पुलिस और आबकारी के बिना संरक्षण के चल रही हैं? आज सर्किट हाउस में विधायक संयम लोढ़ा ने प्रेस वार्ता में बिल्कुल ही खरी-खरी भड़ास निकाली।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा तो पुलिस एवं आबकारी की इस लापरवाही के मामलें को वे विधानसभा में भी कई बार उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग राजस्थान हाइकोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन कर खाली आवासीय प्लाट पर भी शराब की दुकान आवंटित कर रहा हैं।
विधायक संयम लोढ़ा ने बेबाक तरीक़े से एमपी, महाराष्ट्र के साथ ही राजस्थान सरकार की भी पोल खोल दी
आज विधायक संयम लोढ़ा ने वाक़ई सच को आईना दिखा ही दिया। उन्होंने सीधा ही एमपी, महाराष्ट्र के साथ ही राजस्थान सरकार को भी घेरा की ये तीनों राज्य सरकारे, इस बात का प्रयास करती रहती है कि गुजरात में उनकी शराब ज्यादा बिके। इसका सीधा मतलब है कि गुजरात में शराब तस्करी से ही बिकेगी।
पहली बार किसी विधायक ने सच बोला हैं। मंडार, रेवदर, अनादरा, आबूरोड आदि सीमावर्ती थानों में सिफारिश से लगते है थानेदार-विधायक लोढ़ा
आज विधायक संयम लोढ़ा ने पुलिस मुख्यालय पर भी सीधा प्रहार किया, उन्होंने कहा कि पुलिस मुख्यालय में तस्करी की जड़े हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती थानों में थानेदार बिना सिफारिश नहीं लगता हैं।
उन्होंने कहा कि मंडार में एक साल में ही चार थानेदार बदले गए, आखिर क्यों और किसके कारण, किसके कहने से? उन्होंने डीजीपी मोहनलाल लाठर को एक ईमानदार अधिकारी बताया और कहा कि सिरोही शराब के मामलें में न्याय होगा।
उन्होंने आबकारी विभाग को खूब लपेटा और कहा कि मंडार, जाम्बुड़ी, आबूरोड में आखिर करोड़ो रूपये में क्यों ली जाती है शराब की दुकान?
क्या सिरोही जिले के लोग पीते है करोड़ो रुपये की शराब?
उनका सीधा आरोप था कि आबकारी एवं पुलिस के संरक्षण से गुजरात बॉर्डर पर शराब की तस्करी होती हैं। उन्होंने तो सिरोही पुलिस के 25 से भी ज्यादा पुलिसकर्मियों को शराब तस्करी में सहयोग करने के कार्य में लिप्त बताया हैं।
उन्होंने कहा कि आबूरोड में तो एक कुख्यात तस्कर के परिजनों, रिश्तेदार और सेवको के नाम से शराब की दुकान हैं।उन्होंने कहा कि शराब तस्करी की कार्रवाई में हम हमेशा सुनते है, शराब की गाड़ी पकड़ी, तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर फ़रार। इस पर उन्होंने पीड़ा व्यक्त की और बताया कि पुलिस एवं आबकारी विभाग के लोगों में कार्रवाई करने में इच्छाशक्ति का अभाव हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिना संरक्षण के शराब की एक बोतल तक बॉर्डर पार नहीं हो सकती हैं। बिना पुलिस, आबकारी के संरक्षण के गांवों में शराब की अवैध ब्रांच नहीं चल सकती हैं।
कुल मिलाकर देखा जाए तो आज विधायक संयम लोढ़ा ने बेबाक, सटीक एवं सच्ची बातें रखी।
राजस्थान सरकार एवं ईमानदार पुलिस अधिकारियों को चाहिए कि इस पूरे शराब कांड मामले की निष्पक्ष एवं ईमानदार जांच हो। ताकि ईमानदार पुलिसकर्मियों का हौंसला बढ़े, भ्रष्ट पुलिसकर्मियों और अधिकारियों का खात्मा हो।
गांवों का संगी न्यूज ,बेबाक बात रखने के लिए एक सच्चे जनप्रतिनिधि के रूप में विधायक संयम लोढ़ा का आभार व्यक्त करता हैं। निष्पक्ष जांच के लिए सरकार एवं पुलिस प्रशासन से अपील करता हैं।