जीरावल। जप साधना से मंत्र की सिद्धि एवं आत्मा की शुद्धि होती हैं। आबूगोड़ रत्न पूज्य आचार्यदेव रविरत्नसूरीश्वरजी महाराज साहब द्वारा आज सूरि मंत्र की तीसरी पीठिका जाप की पूर्णाहुति हुई। प्रातः काल वेला में वाजते गाजते चतुर्विध संघ के साथ सर्वप्रथम जीरावला पार्श्वनाथ जिनालय में जाकर पार्श्व प्रभु के दर्शन कर स्तुतिगान आदि किया। […]